ग्रहण काल में तुलसी से जुड़ी इन गलतियों से रहें सावधान, वरना आ सकती है विपत्ति

30 Aug 2025

Photo: Pixabay

7 सितंबर 2025 को इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण शनि की राशि कुंभ और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. 

Photo: Pixabay

भारत में यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा. ग्रहण की शुरूआत 7 सितंबर की रात 9:58 मिनट पर होगी और इसका समापन देर रात 1:26 मिनट पर होगा.

Photo: Pexel

शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण लगने से लगभग 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है. इसलिए 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12:57 बजे शुरू हो जाएगा. 

Photo: Pixabay

चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. ऐसे में चंद्रमा ढक जाता है और विशेष खगोलीय घटना का निर्माण होता है.

Photo: Pixabay

शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, लेकिन इस दौरान तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियों से बचना चाहिए.

Photo: Pixabay

आप जिन चीजों में तुलसी के पत्ते डाल रहे हैं, उसमें साफ और साबुत तुलसी के पत्तों का ही इस्तेमाल करें. अशुद्ध या खंडित पत्तियों का उपयोग नहीं करना चाहिए.

खंडित पत्ते न लें 

Photo: Pixabay

ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को खुली जगह पर न छोड़ें. ग्रहण की नकारात्मक छाया से बचाने के लिए तुलसी के गमले पर गेरू या लाल रंग लगाना शुभ माना जाता है.

तुलसी को खुले में न रखें 

Photo: Ai Generated

सूतक लगने के बाद तुलसी को छूने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. अगर आप तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहते हैं, तो इन्हें सूतक लगने से पहले ही तोड़कर रख लें. 

तुलसी को स्पर्श न करें 

Photo: Ai Generated