30 Aug 2025
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7 सितंबर 2025 को इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण शनि की राशि कुंभ और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा.
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भारत में यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा. ग्रहण की शुरूआत 7 सितंबर की रात 9:58 मिनट पर होगी और इसका समापन देर रात 1:26 मिनट पर होगा.
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शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण लगने से लगभग 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है. इसलिए 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12:57 बजे शुरू हो जाएगा.
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चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. ऐसे में चंद्रमा ढक जाता है और विशेष खगोलीय घटना का निर्माण होता है.
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शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, लेकिन इस दौरान तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियों से बचना चाहिए.
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आप जिन चीजों में तुलसी के पत्ते डाल रहे हैं, उसमें साफ और साबुत तुलसी के पत्तों का ही इस्तेमाल करें. अशुद्ध या खंडित पत्तियों का उपयोग नहीं करना चाहिए.
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ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को खुली जगह पर न छोड़ें. ग्रहण की नकारात्मक छाया से बचाने के लिए तुलसी के गमले पर गेरू या लाल रंग लगाना शुभ माना जाता है.
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सूतक लगने के बाद तुलसी को छूने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. अगर आप तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहते हैं, तो इन्हें सूतक लगने से पहले ही तोड़कर रख लें.
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