8 Nov 2025
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आज की दुनिया में कान छिदवाना एक फैशन बन गया है और यह फैशन केवल महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय है.
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हालांकि, कान छिदवाना भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो लोग बहुत ही पहले से करवाते आ रहे हैं. वहीं, कान छिदवाना का संबंध सीधा सीधा ज्योतिष से भी माना जाता है.
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जानकारों के मुताबिक, कान छिदवाने के पीछे सिर्फ वैदिक रिवाज नहीं, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी छिपे हैं.
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दरअसल, कान में पियर्सिंग करवाना मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है. माना जाता है कि कान के लोब में छेद कराने से हमारी शरीर की ऊर्जा सक्रिय होती है.
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साथ ही, कान में पियर्सिंग करवाने से जीवन में आर्थिक समृद्धि आने लगती है.
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इसके अलावा, कान की पियर्सिंग शरीर की आंतरिक ऊर्जा को जगाता है. और आपके आज्ञा चक्र यानी तीसरे नेत्र को सक्रिय भी करती है जिससे आपको ध्यान लगाने में भी मदद मिलती है.
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वहीं, कान की पियर्सिंग के लिए शुभ दिनों का भी विशेष महत्व है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह कार्य पुष्य, रोहिणी और हस्त नक्षत्र के दिन करवाना शुभ होता है.
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वहीं, ग्रहण काल या राहु काल में ऐसा करना वर्जित माना जाता है क्योंकि इन दिनों में करवाई गई पियर्सिंग और छेद शुभ प्रभाव नहीं देते हैं.
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