28 Nov 2025
रिपोर्ट: हिमांशु शर्मा
झुंझुनूं जिले के बासियाला गांव में पुरातत्व विभाग की टीम ने करीब 4500 साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण खोज निकाले हैं.
Photo: ITG
यहां पहली बार गणेश्वर–जोधपुरा सभ्यता के लोगों के घरों की संरचना स्पष्ट रूप में मिली है, जो इस खोज को बेहद महत्वपूर्ण बनाती है.
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खुदाई में लाइम पाउडर से बनी दीवारें, प्राचीन ईंटों के प्लेटफॉर्म, मिट्टी के चूल्हे, स्टोरेज पिट और घरेलू अवशेष मिले, जो योजनाबद्ध जीवनशैली को दर्शाते हैं.
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टीम को एक मकान के बाहर बना चूल्हा और उससे जुड़े निर्माण अवशेष मिले, जो उन दिनों की घरेलू व्यवस्था का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं.
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खुदाई में मिले हड्डी के औजार, तांबे की रिंग, आभूषण और मिट्टी के बर्तन इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह एक संगठित और विकसित बस्ती थी.
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मिली संरचनाओं की निर्माण शैली सिंधु–सरस्वती सभ्यता से मिलती-जुलती है, जिससे दोनों सभ्यताओं के सांस्कृतिक और तकनीकी संबंधों का संकेत मिलता है.
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यहां मिले पत्थर के मनके गुजरात में मिलने वाले मनकों जैसे हैं, जिससे पता चलता है कि यह लोग गुजरात, हरियाणा सहित कई क्षेत्रों से व्यापारिक संबंध रखते थे.
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बस्ती के पास मिला कचरा निस्तारण गड्ढा, जिसमें हड्डियों और बर्तनों के अवशेष थे, बताता है कि उस समय के लोग स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को समझते थे.
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यह पूरा क्षेत्र लगभग चार हजार वर्ष पुरानी मानव बस्ती का प्रमाण देता है. विशेषज्ञों के अनुसार, उत्खनन अभी प्रारंभिक चरण में है, आने वाले सप्ताह में इससे भी महत्वपूर्ण खोजों की उम्मीद है.
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