19 Nov 2025
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क्या आप कभी छुट्टियों से लौटकर और ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं? आप अकेले नहीं हैं. क्योंकि ऐसा अधिकतर लोगों के साथ हो रहा है और ये समस्या अब आम हो गई है.
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डॉ. सुनीता सयम्मागारू ने अपनी वायरल पोस्ट में लिखा कि छुट्टियां अब आराम के लिए नहीं, बल्कि टू-डू लिस्ट पूरी करने का जरिया बन गई हैं. लोग एक जगह को अच्छी तरह से एक्सलोर करने की बजाय हर जगह दौड़ने की रेस में रहते हैं.
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लोग अब किसी जगह का मजा नहीं लेते हैं, बस सिर्फ लोगों को यह बताने के लिए जाते हैं कि उन्होंने वो जगह देख ली है. इसकी वजह से अब छुट्टियों के बाद उनको ज्यादा थकान होती है.
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डॉ. सुनीता बताती हैं कि उनका परिवार छुट्टियों का पूरा मजा लेता है और वो लोग सिर्फ एक ही जगह पर जाते हैं. उस जगह को वो लोग अच्छे से महसूस करते हैं और समय बिताते हैं. कभी-कभार वो आसपास की जगह देख लेते हैं.
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उनका कहना है कि हर जगह बस जाना और देखना ही काफी नहीं होता है, छुट्टियों का असली मजा आराम में है. इसलिए अगर आप कही जाते हैं तो उस समय को अच्छे से फील करें और आराम करें.
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डॉक्टर सुनीता का कहना है कि वहीं, ज्यादातर यात्री हर मस्ट-सी जगह को अपनी लिस्ट में फिट करने की कोशिश में छुट्टियों को काम बना देते हैं. ऐसे में वो लोग ठीक से अपनी ट्रिप को एन्जॉय भी नहीं कर पाते हैं.
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कई लोगों ने माना कि वे छुट्टी के बाद भी एक और छुट्टी चाहते हैं ताकि वाकई में आराम कर सकें. जबकि आमतौर पर छुट्टियां आराम करने और फ्रेश होने के लिए होती हैं.
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बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट राज कुनकोलिनकर ने भी अपनी पोस्ट में इस बात को माना है कि अब परफेक्ट वेकेशन का मतलब कुछ ना करना है. उनका कहना है कि आराम कोई आलस नहीं, बल्कि असली लग्जरी है.
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