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पान को भारत में लोग शादी-पार्टी में बड़े शौक से खाते हैं. इसके अलावा इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में भी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान का पारंपरिक चिकित्सा में भी इस्तेमाल होता रहा है.
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पान में एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं हांलाकि तंबाकू या सुपारी के साथ इसका इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है जिससे आपको सावधान रहने की जरूरत है.
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हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट के साथ नेचुरल हर्ब के तौर पर पान के पत्ते का सेवन किया जा सकता है.
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पान के पत्ते लार और पाचन एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित कर सकते हैं जिससे भोजन के कणों को तोड़ने में सहायता मिलती है.
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पान के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं. साथ ही पान का पत्ता पेट के पीएच स्तर को संतुलित रखने और स्टूल पास करने को बेहतर कर सकता है.
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पान के पत्ते को चबाने से मुंह के बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है जिससे मुंह में बदबू और दांत में प्लाक जमा होता है.
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पान के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड्स मुंहासों से लड़ने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
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इसका सेवन करने के लिए आप पान के पत्तों को रात भर पानी में भिगोकर छोड़ दें और फिर अगली सुबह खाली पेट इसका पानी पी सकते हैं.
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पान के पत्तों में मौजूद सूजनरोधी गुण और एंटीऑक्सिडेंट्स बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को और दिल के रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.
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खबर में बताई गई चीजें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अमल में लाने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.
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