24 Jun 2025
By: Aajtak.in
आजकल वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. इसे करने के लिए लोग दिन के कुछ घंटे फास्टिंग करते हैं और बचे हुए घंटों में खाना खाते हैं.
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ज्यादातर लोग 16 घंटे फास्टिंग करते हैं और 8 घंटे में ही खाना खाते हैं. इसे करने से ब्लड शुगर स्टेबल रहता है, डाइजेशन बेहतर होता है और फैट बर्न होता है.
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लेकिन सच्चाई ये है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं है.
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तो चलिए जानते हैं इसके होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में.
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लंबे समय खाना न खाने पर शरीर को लगता है कि वह किसी स्ट्रेस में है, जिससे कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है. इसके कारण एंग्जाइटी, थकान महसूस होती है और यहां तक कि इसके कारण बैली फैटी भी बढ़ सकता है.
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कई महिलाओं को लंबे समय तक फास्टिंग करने के कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बिगड़ सकते हैं. इसके कारण पीरियड्स साइकिल बिगड़ सकती है, मूड खराब हो सकता है और यहां तक प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत आ सकती है
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ज्यादा फास्टिंग करने पर शरीर सरवाइवल मोड में जा सकता है और मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है. इससे वजन घटने के बजाय वजन धीरे-धीरे बढ़ने ही लगता है.
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कई बार लंबे समय तक फास्टिंग के बाद या जल्दी-जल्दी खाने से गैस, एसिडिटी पेट दर्द या कब्ज की समस्याएं हो सकती हैं.
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कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते-करते खाने को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं. ऐसे में जब कभी वो ज्यादा खा लेते हैं तो गिल्टी फिल करने लगते हैं. ऐसा बार-बार करने से भोजन को लेकर आपके मन में गलत धारणा आ सकती है.
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