Gen Z 'सबसे दुखी'! मिडिल एजेड को भी पीछे छोड़ा, स्टडी में खुलासा

9 Dec 2025

Credit: Credit Name

जहां पहले माना जाता था कि मिडल एज में लोग सबसे ज्यादा दुखी होते थे, जिसे मिड लाइफ क्राइसिस कहकर पुकारा जाता था. लेकिन नई स्टडी बताती हैं कि अब यंग एज के लोग ज्यादा मेंटल हेल्थ इश्यूज का सामना कर रहे हैं.

Photo: AI-generated

पुरानी स्टडी के मुताबिक, उम्र के साथ खुशी U शेप की हो जाती है, इसमें यंग एज में लोग काफी खुश रहते हैं, मिड एज में कम खुश होते हैं और बाद के साल में फिर से ज्यादा खुश रहते हैं.

Photo: AI-generated

मगर अब मिडल एज एडल्ट्स अब पहले के मुकाबले ज्यादा दुखी नहीं है जबकि आजकल यंग एज के लोगों में टेंशन, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें देखी गई हैं.

Photo: AI-generated

44 देशों के ग्लोबल माइंड्स डेटा (2020-2025) से पता चला कि उम्र बढ़ने के साथ मेंटल हेल्थ बेहतर होती है. लेकिन NBER रिपोर्ट (2025) के अनुसार,यंग एज में मेंटल हेल्थ में गिरावट ने मिड-लाइफ क्राइसिस की सोच को बदल दिया है. 

Photo: AI-generated

पहली बार रिसर्च में दिखाया गया कि युवाओं में दुख और परेशानी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी है. इसकी वजह से अब ऐसा लगने लगा है कि जिंदगी में बढ़ती उम्र के साथ-साथ नाखुशी लगातार बनी रहती है.

Photo: AI-generated

इस रिसर्च से एक बात क्लियर हो गई है कि जैसे पहले की स्टडी के अनुसार, बीच की उम्र में ही लोग सबसे अधिक दुखी होते हैं, लेकिन अब ये पैटर्न अब बदल गया है.

Photo: AI-generated

अब यंग लोगों में स्क्रीन टाइम बढ़ने से अकेलापन और मेंटल प्रेशर बढ़ रहा है. नौकरी, गरीबी और महंगाई ने भी युवाओं को परेशान कर रखा है और खासकर कोविड-19 के बाद से दिक्कतें ज्यादा बढ़ गई हैं.

Photo: AI-generated

20 से 30 साल की उम्र के लोगों में सुसाइड के ख्याल और मेंटल प्रॉब्लम बढ़ रही हैं. इसी का नतीजा है कि सुसाइड के मामले बढ़ें और स्कूल न जाना, ज्यादा बेरोजगारी जैसे परेशानियां बढ़ रही हैं.

Photo: AI-generated

ये बढ़ती परेशानी स्कूल-कॉलेज और ऑफिस में मेंटल हेल्थ की बेहतर सुविधा तुरंत जरूरी है. यंग एज के लोगों की फाइनेंशियल प्रॉब्लम और जॉब की टेंशन कम करने लिए सरदार को नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है.

Photo: AI-generated