16 Sep 2025
आज के डिजिटल युग में, हम में से ज्यादातर लोग अपने फोन को हर जगह साथ लेकर चलते हैं, यहां तक कि टॉयलेट में भी. शुरुआत में यह नॉर्मल लग सकता है, लेकिन टॉयलेट पर बैठकर फोन स्क्रॉल करना आपके पेट की हेल्थ, पॉश्चर और पूरे शरीर की तंदुरूस्ती पर नेगेटिव असर डाल सकता है.
गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी, ने अपने एक पोस्ट के जरिए बताया कि क्यों फोन को टॉयलेट से दूर रखना और टॉयलेट की आदतों पर ध्यान देना हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है. डॉ. सेठी ने इसके 7 मुख्य कारण बताए हैं-
सबसे पहला कारण है कि टॉयलेट में फोन चलाने से बवासीर यानी हेमोरॉइड होने का खतरा 46% तक बढ़ जाता है. इस समस्या में फाइबर की कमी, उम्र, वजन या एक्सरसाइज ना करना शामिल है. घंटों टॉयलेट में बैठकर फोन चलाने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है.
दूसरा यह कि फोन के कारण हम टॉयलेट पर ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं. लगभग 37% लोग पांच मिनट से ज्यादा समय टॉयलेट पर बिताते हैं, जबकि जो फोन नहीं चलाते वे केवल 7.1% ही इतने लंबे समय तक बैठते हैं. लंबे समय तक बैठने से खासकर एनल के आसपास के ऊतकों (टिशू) पर दबाव बढ़ता है.
तीसरा, जितना कम समय टॉयलेट पर बिताएं, उतना ही बेहतर होता है. पांच मिनट से ज्यादा समय बिताना बवासीर का खतरा और भी बढ़ा देता है, यहां तक कि टॉयलेट में ज्यादा जोर लगाने से भी ज्यादा.
चौथा कारण है कि टॉयलेट की सीट आपके पेल्विक फ्लोर यानी निचले पेट की मांसपेशियों को कोई सहारा नहीं देती, जिससे दबाव बढ़ जाता है.
पांचवां कारण यह है कि ऐप्स को खासतौर पर इस तरह डिजाइन क्या जाता है कि वे आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित रखें. इसलिए आप अनजाने में समय का एहसास खो बैठते हैं और टॉयलेट पर ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं.
छठा कारण , बवासीर एक आम समस्या है, जो लगभग आधे से ज्यादा लोगों को जीवन में कभी न कभी हो ही जाती है.
डॉ. सेठी का सुझाव है कि टॉयलेट ब्रेक पांच मिनट से ज्यादा लंबा न हो. वीडियो या रील्स देखने के लिए “दो-रील” की लिमिट तय करना एक आसान नियम साबित हो सकता है.