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गर्मी का मौसम और तपिश ना केवल आपको पसीने से बेहाल कर देती है बल्कि यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर डाल सकती है.
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कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बहुत ज्यादा गर्मी में रहने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है और स्पर्म की motality (गतिशीलता) भी कम हो जाती है.
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BMC पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक गर्मी पुरुषों की फर्टिलिटी, स्पर्म क्वालिटी और डीएनए को नुकसान पहुंचाती है. यह कंडीशन लू जैसे वातावरण में और ज्यादा बढ़ सकती है.
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बता दें कि पुरुषों के अंडकोष शरीर के तापमान की तुलना में थोड़े अधिक ठंडे वातावरण में रहने के लिए डिजाइन किए गए हैं इसीलिए वो शरीर के अंदर नहीं बल्कि बाहर होते हैं.
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कैसे गर्मी कम कर सकती है स्पर्म काउंट
DHEE हॉस्पिटल्स में यूरोलॉजी कंसल्टेंट ध्रुव जी प्रकाश ने अंग्रेजी वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, 'शुक्राणु का उत्पादन ज्यादा गर्मी के प्रति संवेदनशील होता है.
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उन्होंने कहा कि पुरुषों के testicles (अंडकोष) शरीर के बाहर scrotum में होते हैं क्योंकि उन्हें हेल्दी स्पर्म बनाने के लिए शरीर के अंदर के तापमान की तुलना में थोड़ा ठंडा वातावरण चाहिए होता है.
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लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहना, फिर चाहें वो गर्म वातावरण, टाइट कपड़ों, हॉट बाथ या यहां तक कि लैपटॉप को सीधे गोद में रखने से हो, इन सभी से scrotum का तापमान बढ़ सकता है.
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इससे spermatogenesis (शुक्राणु के पैदा होने की प्रक्रिया) खराब होती है. इससे बचने के लिए ढीले और हल्के कपड़े पहनें जिससे हवा पास होती रहे.
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ज्यादातर मामलों में स्पर्म की गुणवत्ता पर गर्मी का असर अस्थायी होता है. शुक्राणु को पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 64 से 72 दिन लगते हैं.
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क्या इससे परमानेंट डैमेज होता है?
इसलिए सही जीवनशैली और तापमान कुछ महीनों में स्पर्म की हेल्थ में सुधार कर सकता है. लेकिन बार-बार या लंबे समय तक ज्यादा गर्मी से स्थायी समस्याएं हो सकती हैं.
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ज्यादा गर्मी खतरनाक
खासकर उन पुरुषों को जिनकी प्रजनन क्षमता पहले से ही कमजोर है. बच्चे की प्लैनिंग कर रहे पुरुषों के लिए जरूरी है कि वो इन रिस्क फैक्टर्स से बचें.
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रिस्क फैक्टर्स से बचें
खबर में बताई गई चीजें रिसर्च और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं. कोई भी चीज अमल में लाने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.
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