15 Sep 2025
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क्या आपने कभी ऐसी बीमारी के बारे में सुना है, जो पैरों में हल्की-सी झनझनाहट से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे शरीर को पैरालाइज कर सकती है?
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अगर नहीं तो बता इसे गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) कहा जाता है. ये बीमारी बहुत कम लोगों को होती है, लेकिन गंभीर हो सकती है.
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एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से ट्रेनिंग पा चुके गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने अपने एक इंस्टाग्राम वीडियो में बताया कि गिलियन-बैरे सिंड्रोम कभी-कभी फ्लू (इन्फ्लूएंजा) या फिर अधपका चिकन खाने से होने वाली फूड पॉइजनिंग के बाद भी हो सकता है.
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डॉ. सेठी का कहना है कि गिलियन-बैरे सिंड्रोम के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि समय पर इलाज से गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है.
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गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का अपना ही इम्यून सिस्टम गलती से नर्व्स पर हमला कर देता है. इससे पैरों या हाथों में झनझनाहट, सुन्नपन और मसल्स में कमजोरी होने लगती है.
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अगर समय पर इलाज न किया जाए तो कुछ मामलों में शरीर का हिस्सा पैरालाइज भी हो सकता है. चलिए जानते हैं इसके संकेतों के बारे में.
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मसल्स की कमजोरी: सबसे पहले पैरों में कमजोरी महसूस होती है. अगर समय पर इलाज न हो तो ये कमजोरी ऊपर की तरफ बढ़कर पूरे शरीर को पैरालाइज कर सकती है.
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बोलने या निगलने में दिक्कत: कभी-कभी बोलते समय या खाना निगलते समय परेशानी होती है. इसका मतलब है कि गले की मसल्स को कंट्रोल करने वाली नसें भी प्रभावित हो रही हैं.
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पेशाब करने में परेशानी: डॉ. सेठी बताते हैं कि पेशाब या पॉटी करने में दिक्कत होना भी संकेत हो सकता है कि इन कामों को संभालने वाली नसें प्रभावित हैं.
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तेज दर्द: गिलियन-बैरे सिंड्रोम के कारण तेज दर्द हो सकता है. इसकी वजह से जलन, चुभन या खिंचाव खासकर पीठ, जांघों, हाथों और पैरों में.
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