26 Nov 2025
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कभी-कभी कानों में हल्की सी खुजली होती है, तो हम तुरंत सोचते हैं 'लगता है कान में मैल जम गया है!' और फिर क्या करते हैं? तुरंत कॉटन बड (Q-tip) उठाकर कान में डाल देते हैं.
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ये काम लगभग हर कोई करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, ये आदत आपके कान को साफ करने के बजाय उसे नुकसान पहुंचा सकती है?
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एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से ट्रेनिंग पा चुके गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया और चेतावनी जारी करते हुए कहा 'अपने कानों में कॉटन बड्स डालना बंद करें!'
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अब सवाल ये है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? डॉ. सेठी बताते हैं कि हमारे कानों में एक सेल्फ-क्लीनिंग सिस्टम होता है. कान का मैल गंदगी, धूल और बैक्टीरिया को फंसाकर कान को इंफेक्शन से बचाता है.
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ये धीरे-धीरे अपने आप बाहर निकल जाता है यानी आपको अंदर तक साफ करने की जरूरत ही नहीं होती. लेकिन जब आप कॉटन बड डालते हैं, तो असल में मैल को हटाने के बजाय और अंदर धकेल देते हैं.
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डॉ. सेठी कहते हैं इस तरह कॉटन बड कान को साफ करने के चक्कर में आप नुकसान कर बैठते हैं. भले ही आपको लगे कि कान बिलकुल साफ हो गए, लेकिन असलियत इससे उलट है.
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डॉ. सेठी के अनुसार, कॉटन बड से कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, जिनमें कान के मैल का जमना या रुकावट दर्द या भारीपन, सुनने में कमी, इंफेक्शन और गंभीर मामलों में कान का पर्दा भी फट सकता है.
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एक रिसर्च के मुताबिक, 70% से ज्यादा कान की चोटें कॉटन बड जैसे कॉटन एप्लीकेटर से होती हैं. सोचिए, कितने लोग रोज इस गलती को दोहराते हैं.
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डॉ. सेठी के अनुसार, कानों को अंदर से साफ करने की जरूरत नहीं होती. नहाने के बाद सिर्फ बाहर का हिस्सा मुलायम कपड़े से पोंछ लें. अगर कान बंद लगें या सुनाई देने में दिक्कत हो, तो कानों के डॉक्टर से मिलें.
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