13 Sep 2025
दिल हर दिन धड़कता रहता है, लेकिन हम इसकी देखभाल अक्सर तब तक नहीं करते जब तक कोई समस्या नहीं आ जाती. हमारे देश में सदियों से आयुर्वेद ने दिल की सेहत के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए हैं, जिसमें आंवला और हल्दी की खास जगह है.
आंवला विटामिन C का सबसे अच्छा नेचुरल सोर्स है. विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारी रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाता है.
दूसरी ओर, हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन इंफ्लेमेशन को कम करता है, जो दिल और धमनियों की हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है. जब आंवला और हल्दी साथ मिलते हैं, तो ये हमारी धमनियों को फ्लेक्सिबल और जवान बनाकर हार्ट डिजीज के खतरे को घटाते हैं.
इसके अलावा आंवला LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और HDL यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. हल्दी ट्राइग्लिसराइड्स को घटाकर फैट को जमने से रोकती है, जिससे ब्लड फ्लो सुचारू रहता है. यह कॉम्बिनेशन दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है और धमनियों में चिकनाई बनाए रखता है.
दिल को हेल्दी रखने के लिए धमनियों की अंदरूनी परत यानी एंडोथेलियम का भी मजबूत होना जरूरी है. स्ट्रेस और गलत खानपान से यह परत कमजोर हो जाती है. आंवला के एंटीऑक्सीडेंट और हल्दी के सूजन कम करने वाले गुण इसे सुधारने में मदद करते हैं, जिससे रक्त वाहिकाएं मजबूत और लचीली बनी रहती हैं.
दिल में छुपी हल्की सूजन भी हार्ट डिजीज की जड़ होती है. हल्दी का कर्क्यूमिन और आंवला के जैविक तत्व मिलकर इस सूजन को शांत करते हैं, जिससे दिल की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है.
नाइट्रिक ऑक्साइड, जो रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, उसकी उपलब्धता बढ़ाने में भी आंवला और हल्दी मदद करते हैं. इससे ब्लड प्रेशर बैलेंस रहता है और दिल हेल्दी रहता है.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रदूषण, स्ट्रेस और अनहेल्दी खानपान से हमारे दिल पर लगातार ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस पड़ता रहता है. आंवला-हल्दी का यह प्राकृतिक मिश्रण इस स्ट्रेस को कम कर हार्ट और धमनियों को हेल्दी बनाए रखता है.