राजमा Vs छोले: कौन है 'प्रोटीन किंग', किसे खाने से मिलेगी फौलादी बॉडी?

25 Nov 2025

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राजमा और छोले दोनों ही शाकाहारियों के लिए नॉनवेज से कम नहीं है, हर पार्टी में वो लोग इनका स्वाद उठाते नजर आते हैं. राजमा और छोले की गिनती दालों में होती है और यह बहुत टेस्टी भी बनते हैं. 

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प्रोटीन, फाइबर, कैलोरी के साथ इनमें काफी सारे मिनरल्स पाए जाते हैं, जो इनकी गितनी सुपरफूड्स में कराते हैं.मगर इन दोनों में से किस खाने से अधिक प्रोटीन मिलता है, जिससे बॉडी मजबूत बनती है. 

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अगर आप 100 ग्राम पके हुए राजमा लेते हैं तो उसमें प्रोटीन की मात्रा 8.7 ग्राम, कैलोरी 127 और फाइबर 6.4 ग्राम होता है. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के साथ इससे एनर्जी भी मिलती है.

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100 ग्राम पके हुए छोले में प्रोटीन की मात्रा 8.9 ग्राम, कैलोरी 164 और फाइबर 7.6 ग्राम होता है. छोले में मौजूद आयरन, मैग्नीशियम और फोलेट ब्लड शुगर और हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं.

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छोले में फाइबर भी अधिक होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है. इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं.

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राजमा में आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा अच्छी होती है. इसलिए यह हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. राजमा में मौजूद फाइबर की वजह से इसे खाने के बाद लंबे वक्त तक पेट भरा हुआ महसूस होता है.

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छोले में कैलोरी थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन इसे खाने से एनर्जी भी तुरंत मिलती है. बॉडी बनाने के लिए छोले में मौजूद प्रोटीन बेहतर माना जाता है और इसे खाने से वेट लॉस में भी अधिक फायदा मिलता है.

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मगर राजमा को अधिक मात्रा में खाने से पेट फूलना और गैस की दिक्कत हो सकती है, इसलिए खराब गट हेल्थ वालों को इसे कम मात्रा में ही अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.

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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, गाउट जो एक प्रकार का गठिया है और किडनी स्टोन और एलर्जी वाले लोगों को छोले खाने से बचना चाहिए. इसके अलावा बच्चों को कच्चे छोले से बचना चाहिए और इन बीमारी वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही इन्हें खाना चाहिए.

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