25 Sep 2025
Photo: AI generated
करेला और नीम दोनों का सदियों से औषधि के रूप में इस्तेमाल होता आया है. लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि लिवर को हेल्दी रखने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और डिटॉक्स ड्रिंक के तौर पर किसे पीना चाहिए.
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करेले का जूस एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, खासकर फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक कंपाउंड्स, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके लीवर को हेल्दी रखने और डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.
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नीम का जूस एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं, जो लिवर को हेल्दी और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.
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कई स्टडीज के अनुसार करेले का जूस फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है. इसे रोजाना पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है.
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नीम जूस का इस्तेमाल सदियों से ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद कंपाउंड्स जैसे निंबिडिन ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बेहतर करते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस कम कर सकते हैं.
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विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण करेला का जूस इम्यूनिटी बढ़ाने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है. इसे रोजाना पीने से पिपंल्स की समस्या कम हो सकती है.
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नीम के एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद बनाते हैं. इसे सदियों से मुंहासे, एक्जिमा और अन्य सूजन वाली स्किन समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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करेला जूस ब्लड शुगर को काफी हद तक कम कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो इंसुलिन या शुगर की दवाइयां लेते हैं. इसे छोटे मात्रा से शुरू करें और अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें.
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वहीं, नीम का जूस काफी स्ट्रांग होता है, इसे ज्यादा मात्रा में या प्रेग्नेंसी में बिना डॉक्टर की सलाह के न लें.
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