28 Oct 2025
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भारतीय घरों में खाने को चटपटा बनाने के लिए खाया जाने वाला अचार सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि ये सेहत का खजाना भी है.
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सदियों से हमारे घरों में बनने वाला अचार असल में एक नेचुरल प्रोबायोटिक है. फर्मेंटेशन प्रोसेस से बना अचार आपके डाइजेशन को बेहतर करता है, गट बैक्टीरिया को बैलेंस रखता है और गट हेल्थ को मजबूत बनाता है.
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सीधे शब्दों में कहें तो आपका पसंदीदा अचार सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि अंदर से आपकी सेहत को भी बेहतर बनाता है. कैसे? चलिए जानते हैं.
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डाइजेशन बूस्टर: अचार में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपके डाइजेशन को मजबूत बनाते हैं. ये शरीर को भारी या तला-भुना खाना आसानी से पचाने में मदद करते हैं. साथ ही पेट फूलना, कब्ज और एसिडिटी जैसी दिक्कतों को भी कम करते हैं.
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सूजन कम करता है: फर्मेंटेड फूड्स शरीर के इम्यून सिस्टम को बैलेंस रखते हैं. इससे शरीर में सूजन कम होती है, जो अक्सर पेट की दिक्कतों और मूड खराब होने की वजह बनती है.
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आंत की परत को मजबूत करता है: प्रोबायोटिक से भरपूर अचार खाने से आंत की सुरक्षा परत मजबूत होती है. इससे लीकी गट जैसी समस्या और खराब बैक्टीरिया की बढ़त को रोका जा सकता है.
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एंटीऑक्सीडेंट और मसालों से भरपूर: भारतीय अचार में हल्दी, सरसों, मेथी और लहसुन जैसे मसाले होते हैं. ये सूजन कम करने, शरीर को डिटॉक्स करने और आंत व लिवर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
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मूड को बेहतर बनाता है: जब आंत हेल्दी रहती है तो शरीर में 'सेरोटोनिन' यानी हैप्पी हार्मोन बढ़ता है. इसलिए एक चम्मच अचार न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि मूड भी अच्छा कर देता है.
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नोट: हालांकि, अचार आपको थोड़ी ही मात्रा में खाना चाहिए. ज्यादा मात्रा में खाने से दिक्कत हो सकती है.
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