4 SEPT 2025
Photo: Instagram @manjiripupala
इंडस्ट्री की बाकी कई एक्ट्रेसेज की तरह धड़क 2 फिल्म फेम मंजरी पुपला भी अपने सांवले रंग को लेकर भेदभाव का शिकार हो चुकी हैं.
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मंजरी ने बताया कि कई बार तो हीन भावना के चलते वो ऑडिशन देने ही नहीं जाती थीं. वहीं कई बार उन्हें उनका रंग देखकर नौकरानी के रोल्स ऑफर किए जाते थे.
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मंजरी ने साथ ही बताया कि उनके पिता भी इसलिए इस फील्ड में काम करने से रोकते थे, लेकिन अब जब वो इंडस्ट्री में अपनी जगह बना चुकी हैं, तो ये देखने के लिए वो इस दुनिया में नहीं हैं.
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NBT से मजंरी बोलीं, 'मैं हमेशा सोचती थी कि मैं एक बार को नाटक में तो काम कर लूंगी, मगर शायद कैमरा फेस न कर पाऊं. अपने स्किन कलर को लेकर मैं बहुत हीन भावना की शिकार थी.'
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'मेरे लिए सुंदरता का मतलब गोरा रंग था. स्किन वाइटनिंग क्रीम्स की वजह से बचपन से हम यही सीखते आ रहे हैं. जबकि अपने घर में ऐसी कोई बात कभी सुनने नहीं मिली.'
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'मगर लोगों की सोच ने मेरे दिमाग में बैठा दिया था कि सांवले रंग के कारण मैं कैमरे का सामना नहीं कर सकती. डार्क कॉप्लेक्शन के कारण ऑडिशन में भी दिक्कत आती थी.'
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'जब भी अपमार्केट या अर्बन किरदार की बात होती, गोरे रंग की डिमांड की जाती थी. अपने सांवले रंग के कारण मैं उस तरह के रोल्स के लिए ऑडिशन दे ही नहीं सकती थी.'
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'तभी मैंने तय किया कि मैं अपने रंग की वजह से किसी रोल के लिए चुनी जाऊं, तो वो अहम हो. कई बार ये भी हुआ कि लीड रोल के ऑडिशन के लिए गई, मगर ऑफर हुआ हाउस हेल्प का रोल.'
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मंजरी ने आगे बताया कि ये सिलसिला कई साल तक चला, वो रिजेक्ट होती रहीं. मगर ओटीटी के आने के बाद बदलाव आया और रियलिस्टिक किरदारों की डिमांड होने लगी.
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