आर्मी का सबसे बड़ा ऑफिसर कौन? समझिए पूरा रैंक सिस्टम

31 Oct 2025

Photo: ITG

आइए जानते हैं कि इंडियन आर्मी छोटे से लेकर सबसे बड़ा ऑफिसर कौन-सा होता है.

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इंडियन आर्मी में सबसे बड़ा ऑफिसर जनरल होता है. उसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट पद होते हैं.

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जनरल सर्वोच्च अधिकारी होता है. यह देश की सीमाओं की रक्षा, युद्ध की तैयारी, और सशस्त्र बलों का नेतृत्व करने का काम करता है.

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जनरल के बाद सबसे ऊंचा पद लेफ्टिनेंट जनरल का माना जाता है. इनका काम एक कोर या सेना क्षेत्र की कमान संभालना, रणनीति बनाना और सैन्य अभियानों की योजना बनाना होता है.

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लेफ्टिनेंट जनरल के बाद तीसरे नंबर के सबसे बड़े आधिकारी होते हैं मेजर जनरल. मेजर जनरल का पद भारतीय सेना में नेवी के रियर एडमिरल और एयर फोर्स के एवीएम की रैंक के बराबर होता है.

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मेजर जनरल पद के आधार पर नियुक्ति की जाती है.

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मेजर जनरल के बाद ब्रिगेडियर की रैंक आती है. एक ब्रिगेडियर एक ब्रिगेड का प्रमुख होता है. मूल रूप से इसे ब्रिगेडियर-जनरल के रूप में जाना जाता था.

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ब्रेगेडियर के बाद कर्नल रैंक आती है. इनका काम इकाइयों, अलग-अलग सेना, तोपखाने, या रेजिमेंट की कमाल संभालते हैं.

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भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल आमतौर पर बटालियन कमांडर या जनरल स्टाफ ऑफिसर के रूप में कार्य करता है. उनकी जिम्मेदारियों में सैन्य टुकड़ी का प्रबंधन, प्रशिक्षण, परिचालन संबंधी तैयारियां आदि शामिल होती हैं.

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इसके बाद आती है मेजर की पोस्ट. 6 साल काम करने, भाग बी की परीक्षा की मंजूरी के बाद या प्रमोशन लेकर आने वाले अधिकारियों को मेजर की पोस्ट दी जाती है. इनके कंधे पर सिर्फ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह होता है.

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मेजर के बाद कैप्टन की पोस्ट आती है. लेफ्टिनेंट प्रमोशन पाकर या दो साल पूरा करने पर कैप्टन बनता है. इस अधिकारी की वर्दी पर कंधे पर लगे बैज में तीन सितारा होता है.  .

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इन सभी के बाद जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (JC0) और नॉन-कमीशन्ड ऑफिसर (NCO) आते हैं.

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इनमें सूबेदार मेजर, मेजर, नायब सूबेदार, रेजिमेंटल हवलदार मेजर, नायक आदि का पद होता है.

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