8 Sep 2025
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डिजिटल भारत में अधिकतर लोग यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, जिसके लिए पेटीएम, भीम, गूगल पे, फोन पे आदि ऐप्स का इस्तेमाल किया जाता है.
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यूजर डायरेक्ट अन्य यूपीआईडी पर पेमेंट करता है और उसका पैसा भी नहीं कटता ना ही ऐप चलाने के लिए कोई पेमेंट करनी होती है.
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लेकिन फिर पेमेंट ऐप्स कैसे पैसा कमाते हैं? आइए आपको बताते हैं कि पेटीएम, भीम, गूगल पे, फोन पे आदि ऐप्स का प्रॉफिट कैसे होता है.
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सबसे पहले तो यह समझिए कि छोटे बड़े सभी दुकानदार UPI से पेमेंट लेते हैं. इस प्रक्रिया में किसी का भी कोई चार्ज नहीं लगता है.
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हालांकि, अगर दुकानदार को अकाउंटिंग, बिलिंग, लॉयल्टी प्रोग्राम, डेटा रिपोर्ट्स जैसी एडवांस सेवाएं लेनी हैं तो ऐप्स को फीस देनी होती है.
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ऐप्स पर सिर्फ पेमेंट की लेनदेन का ही काम नहीं होता बल्कि इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, म्यूचुअल फंड, एसआईपी और गोल्ड खरीदने जैसी सुविधाएं भी होती हैं.
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इस सेवाओं में ऐप्स का कमीशन सेट होता है. इसके अलावा पेमेंट ऐप्स कई तरह के कैशबैक, स्कैचकार्ड भी देती हैं. इसका भुगतान ऐड वाली कंपनी करती है.
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ऐप्स पर कई तरह के ऐड भी आते हैं, जिससे पेमेंट ऐप्स की सीधी सीधी कमाई होती है.
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इसके अलावा कई यूजर्स इन ऐप्स से लोन भी लेते है. इससे भी ऐप्स को फायदा होता है.
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ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट या बड़ी कंपनियां जब पेमेंट लेती हैं तो उन्हें पेमेंट गेटवे चाहिए (जो UPI, कार्ड, वॉलेट, नेट बैंकिंग सब मैनेज करें).
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पेटीएम जैसी कंपनियां ये सर्विस देती हैं और कमीशन/ट्रांज़ैक्शन फीस चार्ज करती हैं.
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