गुलामों का बाजार, जहां सरेआम बिकती थीं औरतें, ऐसे तय होता था रेट!

7 Sep 2025

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गोरे द्वीप पश्चिम अफ्रीका में सेनेगल के डकार तट पर स्थित है. यह जगह दिखने में काफी खूबसूरत है, लेकिन इसका इतिहास दर्दनाक रहा है.

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इस जगह को Slave Trade के लिए याद किया जाता है, यानी वो जगह जहां गुलामों का बाजार लगता है.

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यह जगह आज भी Slave Trade की याद दिलाती है. सालों पहले यहां गुलामों का बाजार लगता था जहां अरब देश के लोग गुलाम खरीदने आते थे.

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जिनकी उम्र ज्यादा होती थी, उन्हें कम दामों पर खरीदा जाता था. सबसे ज्यादा कीमत औरतों और जवानों की लगती थी.

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इस दास प्रथा में लगभग 1 से 1.2 करोड़ अफ्रीकियों को जबरदस्ती अटलांटिक महासागर पार कराकर अमेरिका ले जाया गया. यह 16वीं से 19वीं शताब्दी के बीच हुआ था.

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इस जगह को UNESCO World Heritage के अंतर्गत रखा गया है. यहां किसी भी पुरानी इमारत के साथ छेड़छाड़ करने की मनाही है.

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1480 के दशक में पुर्तगाली जहाज अफ्रीकी लोगों को पकड़कर केप वर्डे और मदीरा द्वीपों की चीनी की खेती में लगाते थे.

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1502 के बाद स्पेनिश विजयकर्ता (Conquistadors) कैरेबियन में अफ्रीकियों को ले गए. अगले डेढ़ सौ साल तक पुर्तगालियों ने इस व्यापार पर दबदबा बनाए रखा.

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17वीं शताब्दी में डच व्यापारी और 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश और फ्रेंच व्यापारी सबसे बड़े दास व्यापारियों (Slave Trade) के रूप में सामने आए.

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1713 में स्पेन और ब्रिटेन के बीच हुए समझौते के तहत ब्रिटेन को स्पेनिश कॉलोनियों में गुलाम सप्लाई करने का विशेषाधिकार (Monopoly) मिला.

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ब्रिटेन की साउथ सी कंपनी को हर साल लगभग 4,800 अफ्रीकियों की सप्लाई का अधिकार दिया गया था.

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इस व्यापार ने अफ्रीका को तोड़कर रख दिया. युद्ध सरदार और जनजातियां गुलामों की बिक्री में लग गए.

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गांवों से जवान पुरुष और औरतों को खरीद लिया जाता था, जिससे जनसंख्या घट गई और खेती-पढ़ाई रुक गई. बुजुर्ग और बीमार लोग ही पीछे रह जाते.

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महिलाओं और जवान पुरुषों का रेट ज्यादा होता था क्योंकि उनमें ज्यादा ताकत होती थी.

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चौंकाने वाली बात ये थी कि गुलाम बनाए गए अफ्रीकियों को ज़ंजीरों में बांधकर 300 मील तक पैदल तट पर लाया जाता. कई रास्ते में ही मर जाते.

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इसके बाद उन्हें जहाज़ों में 5,000 मील लंबी यात्रा पर अमेरिका ले जाया जाता, जिसे मिडल पैसेज (Middle Passage) कहा जाता था.

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इतिहासकार मानते हैं कि 15 से 25 प्रतिशत अफ्रीकी रास्ते में ही मर जाते थे.

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1808 में अमेरिका ने दास व्यापार को गैरकानूनी घोषित किया. 1833 में ब्रिटेन ने पूरे साम्राज्य में दास प्रथा खत्म कर दी.

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ब्राजील ने 1850 में गुलामों का आयात रोका, लेकिन पूरी तरह गुलामी का अंत 1888 में हुआ.

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