01 Oct 2025
माना जाता है कि सरस्वती नदी कई हजार साल पहले अस्तित्व में थी और यह अब सूख गई या विलुप्त हो गई.
Photo: Representational Image (Pixabay)
वैदिक काल में सरस्वती नदी हिमालय से निकलकर हरियाणा, पंजाब व राजस्थान से होकर बहती थी और कच्छ के रण में जाकर अरब सागर में मिलती थी.
Photo: Representational Image (Pixabay)
जब हम बात सरस्वती नदी के उद्गम स्थान की करते हैं तो ये राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच से निकली, इसे अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी कहा जाता है जिसका उद्गम स्थल उत्तराखंड में बद्रीनाथ के पास है.
Photo: Representational Image (Pixabay)
नदी कच्छ के रण में मिलने से पहले पाटन और सिद्धपुर से होकर भी गुजरती है.
Photo: Representational Image (Pixabay)
सरस्वती नदी का सबसे पहला उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों में मिलता है. उत्तर वैदिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है.
Photo: Representational Image (Pixabay)
इसके पानी का शक्तिशाली प्रवाह उन कुछ नदियों में से एक था जिन्हें कभी हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा पूजा जाता था.
Photo: Representational Image (Pixabay)
इतिहास और पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि राजस्थान हमेशा से एक शुष्क स्थान नहीं था.
Photo: Representational Image (Pixabay)
बल्कि एक समय यह हरा-भरा क्षेत्र हुआ करता था जिसने एक बड़ी नदी प्रणाली की मेजबानी की, जिसके कारण इस क्षेत्र के आसपास मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता की स्थापना हुई थी.
Photo: Representational Image (Pixabay)