11 Mar 2025
महाराष्ट्र से लेकर यूपी और बिहार तक मुगल बादशाह औरंगजेब पर सियासत धधक रही है.
एक तरफ औरंगजेब की तारीफ करने वाले हैं, तो दूसरी तरफ औरंगजेब को क्रूर, दुर्दांत, मंदिरों को तोड़ने वाला शासक बताने वाले हैं.
इस बीच आइए आपको बताते हैं कि औरंगजेब की कब्र कहा हैं.
औरंगज़ेब का मक़बरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित ख़ुल्दाबाद शहर में हैं.
बहुत से लोग इस बात से हैरान होते हैं कि दिल्ली में मुग़ल सल्तनात के सम्राट रहे औरंगज़ेब को ख़ुल्दाबाद में क्यों दफ़न किया गया.
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इस मक़बरे के पास एक पत्थर लगा है जिस पर औरंगज़ेब का पूरा नाम- अब्दुल मुज़फ़्फ़र मुहीउद्दीन औरंगज़ेब आलमगीर लिखा है.
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औरंगज़ेब का जन्म साल 1618 में हुआ था और उनका निधन 1707 में हुआ.
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औरंगज़ेब की मौत साल 1707 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुई थी और उनके पार्थिव शरीर को ख़ुल्दाबाद लाया गया था.
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औरंगज़ेब ने अपनी वसीयत में लिखा था कि मौत के बाद उन्हें उनके गुरु सूफ़ी संत सैयद ज़ैनुद्दीन के पास ही दफ़नाया जाए.
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BBC के अनुसार, इतिहासकार डॉक्टर दुलारी क़ुरैशी बताते हैं, "औरंगज़ेब ने एक वसीयत की थी जिसमें साफ़ लिखा था कि वो ख़्वाज़ा सैयद जैनुद्दीन को अपना पीर मानते हैं.
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ज़ैनुद्दीन औरंगज़ेब से बहुत पहले ही दुनिया को विदा कह चुके थे." वे भी ख़ुल्दाबाद में ही दफ्न हैं. इसलिए औरंगजेब की इच्छा थी कि उनको भी यहीं दफ्न किया जाए.
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BBC के अनुसार, औरंगज़ेब ने कहा था कि मेरा मक़बरा सिराज जी के पास ही होना चाहिए.
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