28 Nov 2025
(Photo: Instagram/ rasana_ajay)
क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में जिस हरी-भरी पालक को हम 40–60 रुपये किलो में खरीद लेते हैं.
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वही फ्रांस में लगभग 12–14 यूरो यानी करीब 1,200 रुपये किलो में बिकती है?
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ये सुनकर हैरानी होती है, लेकिन इसके पीछे कई दिलचस्प कारण छिपे हैं.
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फ्रांस में 1 किलो पालक की कीमत 1200 रुपये! आखिर इतना महंगा क्यों है?
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फ्रांस समेत अधिकांश यूरोपीय देशों में खेती पूरी तरह मैकेनाइज़्ड है, लेकिन जहां हाथ का काम लगता है, वहां मजदूरी बेहद महंगी है.
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एक किसान को प्रति घंटे 1,000–1,500 रुपये से कम मजदूरी नहीं देनी होती. इसका सीधा असर सब्जियों की कीमत पर पड़ता है.
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फ्रांस के सुपरमार्केट्स में मिलने वाले ज्यादातर ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स ऑर्गेनिक होते हैं.
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ऑर्गेनिक खेती में कीटनाशक नहीं रसायन नहीं होते हैं और पैदावार कम होता है.
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इसकी देखभाल की ज्यादा जरुरत होती है, इसलिए लागत बढ़ जाती है और कीमत भी.
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फ्रांस में सालभर खेती नहीं की जा सकती, ठंडी के मौसम में पालक जैसी हरी सब्जियों को उगाना मुश्किल होता है.
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इसलिए या तो महंगी ग्रीन हाउस खेती करनी पड़ती है या फिर दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है, दोनों स्थितियों में कीमत बढ़ती है.
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भारत में सब्जियां ताज़ी कटकर बाजार आती हैं, लेकिन फ्रांस में एयर-टाइट पैकिंग, क्वालिटी चेक, रेफ्रिजरेटेड स्टोरेज, हाइजीन स्टैंडर्ड, इन सब पर खर्च होता है.
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