17 April, 2023
By: Business Team
जब धीरूभाई अंबानी ने 3 दिन बंद करवा दिया शेयर मार्केट, ये थी वजह
रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाउंडर धीरूभाई अंबानी को चार दशक पहले भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
धीरूभाई अंबानी ने अपने अंदाज में मामले को निपटाया था और उनके तरीके ने शेयर मार्केट में भूचाल ला दिया था.
साल 1977 में धीरूभाई अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को शेयर मार्केट में लिस्ट कराने का फैसला किया था.
लिस्टिंग के बाद एक साल से भी कम समय में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों की कीमत 5 गुना बढ़कर 50 रुपये पर पहुंच गई.
फिर साल 1980 में एक शेयर की कीमत 104 और 1982 में 18 गुना बढ़कर 186 रुपये पर पहुंच गई.
इसके बाद धीरूभाई ने डिबेंचर्स के जरिए पैसा जुटाने का प्लान बनाया. कंपनियां डिबेंचर्स के जरिए पूंजी जुटाती हैं.
लेकिन तभी कोलकाता में बैठे कुछ ब्रोकर्स ने साजिशन रिलायंस के शेयरों की कीमत को गिराने की कोशिश शुरू कर दी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों को गिराने के लिए दलाल 'शॉर्ट सेलिंग' करने लगे.
इस बात का पता लगते ही धीरूभाई ने अपने ब्रोकर्स को रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के शेयरों को खरीदने के लिए तैयार कर लिया.
कुल मिलाकर रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के 11 लाख शेयर बिके. इसमें से 8 लाख 57 हजार अंबानी के दलालों ने ही खरीद लिए.
इसके बाद जब अगला शुक्रवार आया तो अंबानी के दलालों ने कोलकाता में बैठे दलालों से शेयर मांगे.
ये वायदा व्यापार था, जिसके चलते उस समय कोलकाता में बैठे दलालों के पास शेयर नहीं थे. 131 रुपये में जुबानी शेयर बेचने वाले दलालों की हालत खराब हो गई.
लेकिन उन्हें ऊंची कीमत पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदकर अंबानी के दलालों को देने पड़े.
उस समय ये मामला इतना बड़ा बन गया था कि शेयर मार्केट को तीन दिन तक बंद करना पड़ा था.
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