03 September 2025
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क
बरसात और बाढ़ के मौसम में पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या हरे चारे की कमी नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता की होती है.
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इस मौसम में खेतों में तो हरा चारा बहुत मिलता है, लेकिन वह अत्यधिक नमी के कारण खाने योग्य नहीं रहता. ऐसा चारा खिलाने से बकरियों को पेट की समस्याएं हो सकती हैं.
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ऐसे समय में सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प पेड़ों का हरा चारा होता है. क्योंकि पेड़ों की पत्तियों में नमी कम होती है और ये कीटों से दूषित भी नहीं होतीं.
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चारा विशेषज्ञों की माने तो भेड़-बकरियों को बरसात के मौसम में नीम, अमरुद और मोरिंगा (सहजन) की पत्तियां खिलाना बेहद फायदेमंद होता है.
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इन पत्तियों में प्रोटीन और टेनिन की मात्रा अधिक होती है, जो ये पेट के कीड़े खत्म करने में मदद करती हैं.
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इतना ही नहीं इनकी पत्तियां दवाई की तरह काम करती हैं और बकरियों की ग्रोथ को प्रभावित नहीं होने देतीं.
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बरसात में दूषित पानी पीने से बकरियों के पेट में कीड़े होना आम समस्या है.
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ऐसे में नीम, अमरुद और मोरिंगा की पत्तियां उनके लिए प्राकृतिक दवा का काम करती हैं.
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