पपीते की फसल पर नहीं लगेंगे कीड़े, बढ़ेगा उत्पादन, करें ये उपाय

24 Oct 2025

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

पपीता एक ऐसी फसल है जो किसानों को कम समय में अच्छा मुनाफा देती है लेकिन अगर पौधों की ठीक से देखभाल न की जाए, तो कीट और रोग पूरी फसल को खराब कर सकते हैं.

Credit: Credit name

इस कीट के कारण पत्तियों पर पीले धब्बे और फलों पर खुरदरापन आने लगता है. संक्रमित पत्तियों को तोड़कर खेत से बाहर गड्ढे में दबा देना चाहिए.

लाल मकड़ी का हमला

Credit: Credit name

तना पीला होकर सड़ने लगता है, जिससे पूरा पौधा सूख जाता है. खेत में पानी जमा न होने दें और अच्छी निकासी का इंतज़ाम रखें. जरूरत पड़ने पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या टॉप्सिन जैसी दवाओं का छिड़काव करें.

तना गलन रोग

Credit: Credit name

यह रोग सफेद मक्खियों से फैलता है, जिससे पत्तियां सिकुड़ जाती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है. रोगग्रस्त पौधों को तुरंत निकाल दें और बाकी पौधों पर डाइमिथोएट घोल का छिड़काव करें.

लीफ कर्ल रोग

Credit: Credit name

इस रोग में फलों पर भूरे-काले धब्बे पड़ने लगते हैं और वे समय से पहले गिर जाते हैं. इसके लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मेन्कोजेब का छिड़काव सबसे प्रभावी होता है.

फल सड़न (Anthracnose) रोग

Credit: Credit name

अगर किसान ये सावधानियां अपनाते हैं तो पपीते की पैदावार तीन गुना तक बढ़ सकती है. सही प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और किसानों की आमदनी में इजाफा होता है.

फल सड़न (Anthracnose) रोग

Credit: Credit name