30 Dec 2025
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क
प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर राजमा सही तरीके से बोने पर 3–5 महीनों में तैयार हो जाता है और आप इसे ताज़ा या सुखाकर दोनों तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं.
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किडनी बीन्स को बसंत (Spring) में बोना सबसे अच्छा होता है. जब आख़िरी ठंडी रातों का डर खत्म हो जाए, तब ही बीज बोएं, क्योंकि बीन्स को गर्म मिट्टी पसंद है, ठंड में बीज सड़ सकती हैं.
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रोज़ाना 6–8 घंटे धूप वाली जगह चुनें. मिट्टी को ढीला, अच्छी जलनिकासी वाला, और पोषक तत्वों से भरा रखें. मिट्टी का pH लगभग 6.0–7.0 सबसे अच्छा है.
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बीज को 1–2 इंच (लगभग 2–5 सेमी) गहराई में बोएं. एक साथ दो बीज बो सकते हैं और जैसे पौधे निकलें, कमजोर को हटा दें.
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मिट्टी को हल्का नम रखें, पर जलभराव न होने दें. ज़्यादा पानी पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है. मुल्चिंग से मिट्टी की नमी बनी रहती है और खरपतवार भी कम आते हैं.
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बीज अंकुरित होने में कुछ दिनों से दो हफ्ते तक लगता है, लेकिन फल (राजमा) तैयार होने में लगभग 100–140 दिन लगते हैं यानी 3–5 महीने.
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जब फलियां भरपूर आकार की, कड़ी और पोषण से भरी हों, तब उन्हें तोड़ लें. अगर आप इसे सूखाकर बीज के रूप में संग्रह करना चाहते हैं, तो पौधे को निकालकर सूखी, हवादार जगह में उल्टा लटका दें.
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थोड़े दिनों में फलियां सूखकर तैयार हो जाती हैं. सूखे बीजों को एयरटाइट डब्बे में रखें.
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