12 Nov 2025
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क
ऐलोवेरा का पौधा अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है, लेकिन सही देखभाल न होने पर यह भी कमजोर पड़ सकता है. पत्तियों का पीला होना, जड़ों का गलना या पतले और लम्बे पत्ते बढ़ना अक्सर इन सामान्य गलतियों का संकेत होते हैं.
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ऐलोवेरा अपने पत्तों में पानी जमा करता है. अधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं और पत्ते पीले या नरम हो सकते हैं.
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केवल तब पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी 2-3 इंच सूखी हो और सुनिश्चित करें कि गमला अच्छी तरह से ड्रेनेज करता हो.
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पानी सही देने के बावजूद, अगर मिट्टी बहुत भारी है या गमला ड्रेनेज नहीं करता, तो जड़ें सड़ सकती हैं.
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कैक्टस/सक्सुलेंट मिक्स का उपयोग करें या मिट्टी में बालू/पुमिस/पर्लाइट मिलाएं. टेरा कॉटा या अनग्लेज़्ड सिरेमिक गमले बेहतर रहते हैं.
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ऐलोवेरा को तेज़ लेकिन अप्रत्यक्ष धूप पसंद है. कम रोशनी में पौधा पीला और कमजोर हो जाता है.
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इसे पूर्व या दक्षिण की खिड़की के पास रखें और समय-समय पर घुमाएं ताकि सभी पत्तों को रोशनी मिले.
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छाया से सीधी धूप में या ड्राफ्ट/हीटिंग वेंट के पास रखने से पत्ते जल सकते हैं या पीले/भूरे पड़ सकते हैं.
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पौधा धीरे-धीरे नए स्थान पर ढालें और तापमान में अचानक बदलाव से बचाएं.
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ऐलोवेरा को अधिक खाद की जरूरत नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक एक ही गमले में रखने पर मिट्टी के पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं.
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हल्का संतुलित तरल खाद साल में एक-दो बार (बस वसंत या गर्मी में) दें.
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ऐलोवेरा गर्म जलवायु का पौधा है. 10°C से नीचे तापमान में यह कमजोर हो सकता है. ठंड के महीनों में इसे घर के गर्म स्थान पर रखें.
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