15 Sep 2025
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क
फूलगोभी कम समय और कम लागत में तैयार होने वाली फसल है जो किसानों को अच्छा मुनाफा देती है.
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इसकी खेती के लिए पूसा स्नोबॉल, पंत शुभ्रा, पूसा शक्ति, काशी अगहनी और पंत गोभी बेहतर ऑप्शन हैं.
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इतना ही नहीं किसान अब पर्पल, यलो और पिंक रंग की फूलगोभी भी उगा रहे हैं. इनमें पोषण भी ज्यादा होता है.
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बीज बोने से पहले मिट्टी जरूर तैयार कर लें. इसके लिए मिट्टी में गोबर खाद या कंपोस्ट मिला लें.
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गोभी के बीज को बोने से पहले इसे गर्म पानी या 0.01 ग्राम स्ट्रैप्टोसाक्लिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर दो घंटे के लिए भिगो कर छोड़ दें.
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फिर साफ पानी में धोएं और छांव में सुखा लें. इसको 3 मीटर लंबे, 1 मीटर चौड़े और 15 सेमी ऊंची क्यारियां बनाकर बोएं और दो क्यारियों के बीच 30 सेमी की नाली बनाएं.
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रोपाई के बाद सिंचाई करें. अर्ली फसल में 1 सप्ताह पर और लेट फसल में 10-15 दिनों पर सिंचाई करें. खरपतवार की रोकथाम के लिए निराई-गोराई करते रहें.
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फूलगोभी की फसल को मौसमी कीड़ों से बचाने के लिए मौलाथियान को पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
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पौधों को तेज धूप और बारिश से बचाने के लिए शेड का इंतजाम रखें. पौधे 4-5 सप्ताह में तैयार हो जाते हैं.
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एक बीघे में 7-8 हजार रुपये लागत आती है, जबकि मुनाफा 80-90 हजार तक हो जाता है.
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