वृंदावन में तंग गलियां, बंदरों का आतंक और प्रशासनिक व्यवहार लोगों के लिए परेशानी का कारण हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉरिडोर 'हमें उजाड़ कर न बने ऐसे तालमेल के साथ बने जिससे सबको सुविधा हो'. सरकार कॉरिडोर बनने पर सब ठीक होने का दावा करती है, जबकि स्थानीय लोग, दुकानदार और पंडे-पुजारी ऐसा विकास चाहते हैं जिससे सबको सुविधा हो और किसी को दुविधा न हो.