वाराणसी के हरहुआ में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 193 जोड़ों की शादी कराई गई. कार्यक्रम काशी कृषक इंटर कॉलेज में हुआ. विवाह में चार मुस्लिम जोड़े भी शामिल थे. कार्यक्रम में भाजपा के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल, अजगरा विधायक टी राम और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा मौजूद रहे.
समारोह के बाद जब भोजन की शुरुआत हुई तो अफरातफरी का माहौल बन गया. समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रत्येक घराती और बाराती को 10-10 कूपन दिए गए थे. यानी कुल 3860 लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई थी. लेकिन जब खाना परोसा गया तो किसी की थाली में पूरी थी तो सब्जी नहीं. कहीं दाल थी तो चावल नहीं. इससे लोगों में नाराजगी फैल गई और लूट जैसी स्थिति बन गई.
खाने को लेकर मची अफरा-तफरी
खाना बांट रहे कर्मचारी भी अफरा-तफरी में अधिकारियों के सामने ही मौके से भाग खड़े हुए. कार्यक्रम में आए लोग भड़क उठे. अब यह सवाल उठ रहे हैं कि सरकार की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में ऐसी लापरवाही कैसे हुई. इस घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर साधा निशाना.
भ्रष्टाचार के लिए भाजपाइयों का पेट सुरसा के मुँह जैसा है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 16, 2025
समाचार : वाराणसी में मुख्यमंत्री सामूहिक-विवाह समारोह में भूखे लौटे 100 दूल्हा-दुल्हन: मंत्री-विधायकों के सामने हंगामा, खाना छोड़कर भागे कर्मचारी।
भाजपाई ‘कोरोना दान’ का तो खा गये अब क्या ‘कन्या दान’ का भी… शर्मनाक!… pic.twitter.com/lWZEwp33AY
प्रत्येक घराती और बाराती को 10-10 कूपन दिए गए थे
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर एक्स पर लिखने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. फिलहाल कोई जिम्मेदार अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. पर जांच की बात कही जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है.