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यूपी ATS ने किया फर्जी दस्तावेजों से सिम एक्टिवेशन का खुलासा, पाकिस्तान-नेपाल में इस्तेमाल हो रहे भारतीय मोबाइल नंबर

इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल अब व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर भारतीय नंबर के रूप में विदेशी एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है. संतराम फर्जी पहचान पत्रों के जरिए सिम को एक्टिवेट करता था. ये सिम किसी अन्य मोबाइल फोन में लगाकर व्हाट्सएप या अन्य मैसेजिंग ऐप्स को OTP के जरिए एक्टिवेट किया जाता था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीतापुर के खैराबाद इलाके से एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बेचने का धंधा कर रहा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संतराम के रूप में हुई है, जिसकी खैराबाद में मोबाइल की दुकान है.

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खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर हुई इस कार्रवाई से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. संतराम द्वारा बेचे गए सिम कार्ड पाकिस्तान और नेपाल में इस्तेमाल हो रहे थे. जांच में सामने आया है कि संतराम ने तीन साल पहले पीलीभीत में रहने वाले एक युवक को 50 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड दिए थे.

फर्जी पहचान पत्रों के जरिए सिम को करता था एक्टिवेट

इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल अब व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर भारतीय नंबर के रूप में विदेशी एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है. संतराम फर्जी पहचान पत्रों के जरिए सिम को एक्टिवेट करता था. ये सिम किसी अन्य मोबाइल फोन में लगाकर व्हाट्सएप या अन्य मैसेजिंग ऐप्स को OTP के जरिए एक्टिवेट किया जाता था.

फर्जी दस्तावेज और कई प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बरामद

एक बार ऐप एक्टिव हो जाने के बाद, सिम को निकाल दिया जाता, और उस ऐप को दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर इस्तेमाल किया जाता था. इस तरह, पाकिस्तान जैसी दुश्मन एजेंसियां भारतीय मोबाइल नंबर के जरिए जासूसी या संवेदनशील जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही थीं.

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ATS को छापेमारी के दौरान संतराम के पास से फर्जी दस्तावेज और कई प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं. संतराम के खिलाफ खैराबाद थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उसे जेल भेज दिया गया है. एटीएस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है.

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