अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अभी जो जमीन मिली है, उसे 108 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा, क्योंकि हिंदू समाज का पवित्रतम अंक 108 माना गया है. इस पर ट्रस्ट के सदस्यों की बीच सहमति भी बन चुकी है यानी इसका साफ मतलब है कि या तो रामजन्मभूमि परिसर से सटे कुछ क्षेत्रों का अधिग्रहण किया जाएगा या राम मंदिर ट्रस्ट सहमति बनाकर परिसर का क्षेत्र बढ़ाएगा.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अधिग्रहीत 67.703 एकड़ भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी गई थी. हालांकि ट्रस्ट ने उस भूमि से सटे कुछ मंदिर और उनकी भूमि को भी खरीदा था, जिससे श्री राम जन्मभूमि परिसर का दायरा बढ़ गया है.
जब कामेश्वर चौपाल से पूछा गया कि जो अधिग्रहीत जमीन मंदिर बनाने के लिए आपको मिली है क्या वह जमीन कम है? और भूमि अधिग्रहण की जरूरत है? इस पर वह बोले- देखिए, समर्पण-अर्पण का भाव जब मन में होता है तो फिर कोई सीमाएं नहीं होतीं. ट्रस्ट के ज्यादातर सदस्यों की इच्छा है कि हिंदू समाज का पवित्र अंक 108 माना गया है तो हमारे पास अभी जो भूमि उपलब्ध है वह 108 एकड़ भूमि की जाए. इसके लिए हम लोग कोशिश करते रहेंगे. हालांकि उन्होंने साफ किया कि इसके लिए किसी पर दबाया नहीं डाला जाएगा बल्कि उनके भीतर राष्ट्र का भाव और स्वाभिमान का भाव जगाकर भूमि अधिग्रहीत की जाएगी.
...तो मंदिर का परिक्रमा क्षेत्र भी बढ़ेगा
अगर 108 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को लेकर काम शुरू हो जाता है तो परिक्रमा का क्षेत्र बढ़ाना पड़ेगा. कामेश्वर चौपाल ने बताया कि श्रीराम मंदिर के चारों ओर एक किलोमीटर लंबाई में परकोटा बनाया जा रहा है. अभी यह परकोटा 6 एकड़ की परिधि में बन रहा है. अगर और भूमि अधिग्रहण होता है तो अब परकोटा की परिधि को बढ़ाकर 8 एकड़ में किया जाएगा. यानी अब यह एरिया 30 एकड़ हो जाएगा. परकोटे की इस परिपथ में विध्नहर्ता गणेश जी, माता सीता, जटायु, निषाद राज, शबरी समेत रामायण से संबंधित पात्रों के भी मंदिर बनेंगे.
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि पहले जो मंदिर था, उसका प्रारूप कुछ और था. उस प्रारूप को हम लोगों ने देश के करोड़ों घरों में पहुंचाया था. कुंभ जैसे मेले पर्व में कई बार प्रदर्शित किया था. करोड़ों परिवार तक इसका चित्र पहुंचा था लेकिन देश का एक मनोभाव आया कि भगवान के मंदिर की भव्य होना चाहिए, संतों का भी सुझाव आया तो हमने उनके सुझाव को माना. उन्होंने कहा कि पहले के मंदिर की लंबाई-चौड़ाई-ऊंचाई सब बढ़ गई है. अब उसी तरह से मंदिर का जो परकोटा एरिया है, उसे भी बढ़ाने का विचार चल रहा है.
दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का काम पूरा करने का लक्ष्य
श्रीराम जन्मभूमि में राममंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिसंबर 2023 तक मंदिर के गर्भगृह का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर का करीब 60 फीसदी और गर्भगृह का 20 फीसदी निर्माण पूरा हो चुका है. जनवरी 2024 से गर्भगृह रामलला के दर्शन के लिए खुल जाएगा. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुजरात में पंचायत आजतक के कार्यक्रम में रामलला के दर्शन को लेकर संकेत देते हुए कहा था कि जनवरी 2024 का टिकट बुक करा लो.
1800 करोड़ रुपये में बनकर तैयार होगा राम मंदिर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य पिछले दिनों बताया था कि राम मंदिर को बनाने में 1800 करोड़ रुपये लगने वाले हैं. हर हिंदू भगवान को इस मंदिर में उचित स्थान और जगह दी जाएगी. इन मंदिरों के निर्माण के लिए राम मंदिर के आसपास 70 एकड़ का इलाका भी चयनित कर लिया गया है. मंदिर में दो मंजिला एक परिक्रमा सड़क का भी निर्माण किया जा रहा है. मंदिर के पूर्वी भाग में तो सैंडस्टोन से बना एक द्वार भी रखा जाएगा.