
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जिला प्रशासन ने बिना वैध लाइसेंस के अवैध रूप से चल रहे नौ डीजल पंपों को सील कर दिया है. जिला मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके कार्यालय को खराब गुणवत्ता वाले डीजल की बिक्री के संबंध में कई शिकायतें मिली थीं. इन शिकायतों के जवाब में उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार के नेतृत्व में नौ टीमों का गठन किया. इसके बाद अवैध पंपों पर एक साथ निरीक्षण किया गया.
अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया निरीक्षण के दौरान पंप मालिक अपने संचालन के लिए वैध लाइसेंस या किसी भी प्रकार का ऑफिशियल अथॉरिटी दिखाने में असमर्थ रहे, जिसके कारण पंपों को तत्काल सील कर दिया गया. फिलहाल, आगे की जांच चल रही है. गड़बड़ी पर इस तरीके की कार्रवाई आगे भी होती रहेगी.
जिला प्रशासन के मुताबिक, सूचना मिली थी कि बिना लाइसेंस मानक पूरा किए कई डीजल पंप संचालित हो रहे हैं, जिनमें बायोडीजल के स्थान पर निम्न गुणवत्ता के डीजल/पेट्रोल की बिक्री हो रही है और इसके चलते राजस्व को नुकसान हो रहा है. साथ ही गाड़ियों के कलपुर्जों को भी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं, कुछ पंप जिन्होंने अवैध रूप से ज्वलनशील पेट्रोलियम पदार्थों का भंडारण किया है, वहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
उक्त शिकायतों के बाद शाहजहांपुर के जिलाधिकारी ने औचक जांच के लिए नौ टीमों का गठन किया. जिन्होंने गड़बड़ी पाए जाने के बाद अवैध रूप से संचालित पंपों को सील कर दिया. फिलहाल, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 और अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.
जांच के दौरान मौके से 2498 लीटर डीजल, 735 लीटर पेट्रोल बरामद किया गया. इनके नमूने लेकर सैंपलिंग कराई गई, जिनको टेस्टिंग के लिए लैब भेजा गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध कारोबार करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है.