वाराणसी गैंगरेप मामले में हर दिन एक नया मोड़ सामने आ रहा है. अब इस केस में पीड़िता की एक सहेली ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसने मामले को पूरी तरह पलट कर रख दिया है. पीड़िता की मां के आरोपों के आधार पर दर्ज मुकदमे में अब तक कुल 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन अब आरोपियों के परिजनों द्वारा कमिश्नर के समक्ष पेश किए गए तथ्यों और सबूतों के बाद SIT गठित कर 30 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है.
इसी बीच मंगलवार को पीड़िता की एक सहेली आरोपियों के परिजनों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय ज्ञापन देने पहुंची. हालांकि, पुलिस ने उन्हें पहले ही रोककर ज्ञापन ले लिया. 'आजतक' से बातचीत में सहेली ने दावा किया कि जिस अवधि (29 मार्च से 4 अप्रैल) में पीड़िता ने बंधक बनाए जाने और गैंगरेप के आरोप लगाए हैं, उस दौरान वह खुद उसके साथ मॉल में घूम रही थी.
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सहेली ने बताया कि 30 मार्च को पीड़िता उसके साथ 'जुडियो' गई थी, जहां उन्होंने कपड़े ट्रायल किए. लेकिन बिना खरीदे बस फोटो खिंचवाकर बाहर आ गईं. इस बात पर दोनों के बीच बहस भी हुई थी. उन्होंने कहा कि पीड़िता खुद अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती थी और कई लड़कों के साथ घूम रही थी, जिनका नाम FIR में नहीं है. यहां तक कि 4 अप्रैल को पुलिस के द्वारा बरामद हो जाने के बावजूद भी वे अपने घर नहीं जाना चाहती थी.
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने पुष्टि की है कि सहेली की बातों के समर्थन में CCTV फुटेज भी मिले हैं, जिसमें 30 मार्च को पीड़िता मॉल में घूमती दिख रही है. साथ ही SIT अब पीड़िता के सभी मूवमेंट और डिजिटल फुटप्रिंट की जांच कर रही है. पुलिस उन सभी युवकों के बयान भी दर्ज करेगी, जिनके साथ पीड़िता घूमती पाई गई है.