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Neha Singh Rathore पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप, इलाहाबाद हाईकोर्ट में FIR को चुनौती

neha singh rathore news: नेहा सिंह राठौर ने पहलगाम आतंकी हमले पर सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. एफआईआर में उन पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने और देश की एकता को खतरे में डालने के आरोप लगे हैं. अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

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नेहा सिंह राठौर- फाइल फोटो
नेहा सिंह राठौर- फाइल फोटो

नेहा सिंह राठौर ने पहलगाम आतंकी हमले पर सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है. यह एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में अभय प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई थी.

FIR में कई धाराएं लगाई गईं
एफआईआर में नेहा पर आरोप है कि उन्होंने एक विशेष धर्म को निशाना बनाते हुए ऐसा बयान दिया, जिससे देश की एकता को खतरा पैदा हो सकता है और सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें साम्प्रदायिक नफरत फैलाना, सार्वजनिक शांति भंग करना और देश की अखंडता को खतरे में डालना शामिल है. इसके साथ ही आईटी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं.

एफआईआर को रद्द करने की मांग
नेहा सिंह राठौर ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें गलत तरीके से इन मामलों में फंसाया गया है और उनका इरादा किसी भी धर्म या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था. उन्होंने अदालत से अपील की है कि एफआईआर को रद्द किया जाए.

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मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता वीके शाही और राज्य के अधिवक्ता वीके सिंह ने कोर्ट से समय मांगा ताकि वे नेहा के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें.

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की खंडपीठ ने सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 12 मई तय की है.

इन धाराओं में FIR
नेहा सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं, जैसे कि 196(1)(a), 196(1)(b), 197(1)(a), 197(1)(b), 197(1)(c), 197(1)(d), 353(1)(c), 353(2), 302, 152 और IT एक्ट 69A के तहत FIR दर्ज की गई है. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि नेहा सिंह राठौर के ट्वीट्स पाकिस्तान में तेजी से वायरल हो रहे हैं और वहां की मीडिया में उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. आरोप है कि उनके बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने और भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए किया जा रहा है.

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