उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 90 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में रह रहे होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. पुलिस के अनुसार, इन लोगों में से कई पिछले एक दशक से अधिक समय से देश में रह रहे थे, जबकि कुछ ने भारत में रहने के प्रमाण के रूप में पैन कार्ड और आधार कार्ड तक बनवा लिए थे.
एजेंसी के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि मथुरा के नौझील थाना क्षेत्र के अंतर्गत खजपुर गांव स्थित स्थानीय ईंट भट्ठों से इन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया. इनकी कुल संख्या 90 थी, जिनमें 37 पुरुष, 31 महिलाएं और 22 बच्चे शामिल हैं.
पुलिस का कहना है कि ये सभी नागरिक मूल रूप से बांग्लादेश के कुरीग्राम जिले के निवासी हैं. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि वे मथुरा में तीन से चार महीने पहले आए थे, लेकिन उनमें से कई इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में वर्षों से रह रहे थे.
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एसएसपी ने बताया कि सभी वयस्क पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946 की धारा 14 और भारतीय न्याय प्रणाली की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इनके पास से 31 मोबाइल फोन, एक पैन कार्ड, दो मूल आधार कार्ड और चार आधार की फोटोकॉपी भी जब्त की हैं.
इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इन नागरिकों का वर्षों तक देश में बिना वैध दस्तावेजों के रहना और सरकारी पहचान पत्र प्राप्त करना गंभीर चूक को उजागर करता है. अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि किस स्तर पर इन लोगों को दस्तावेज जारी किए गए और इसमें कौन-कौन शामिल हो सकता है. फिलहाल सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है और उनके भारत आने के पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है.