up mausam alert : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस समय भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है.प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 13 जिलों में हीटवेव को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो अगले 48 घंटों तक और अधिक गंभीर हो सकता है.इसके कुछ दिनों बाद थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के साथ-साथ गाज़ियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, मऊ, बलिया, कौशांबी, जौनपुर, आजमगढ़, भदोही, गोरखपुर, चंदौली और सोनभद्र जिलों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है. इस दौरान दिन में धूप की तीव्रता और लू के थपेड़े लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर रहे हैं.
हीटवेव क्या है?
हीटवेव यानी लू एक ऐसी स्थिति होती है जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य औसत से काफी अधिक हो जाता है.उत्तर भारत में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंच जाए तो इसे हीटवेव की स्थिति माना जाता है.अगर रात का तापमान भी सामान्य से अधिक रहता है, तो यह स्थिति और गंभीर मानी जाती है.
IMD की चेतावनी: रहें सतर्क, रहें सुरक्षित
भारतीय मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सलाह दी है कि वे दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें, जब तक कि बहुत जरूरी न हो.यदि बाहर जाना अनिवार्य हो तो सिर को ढंककर रखें, पानी अधिक पिएं, हल्के और सूती कपड़े पहनें. IMD के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, उत्तर प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री अधिक चल रहा है.ऐसे में आने वाले 2 दिनों तक हालात और गंभीर हो सकते हैं.48 घंटे का अलर्ट खासतौर पर संवेदनशील लोगों के लिए जरूरी है, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं.
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने भी हीटवेव को देखते हुए सभी जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है. सरकार ने ऐंबुलेंस सेवाओं को 24x7 एक्टिव मोड में रखा है ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके. गर्मी की तीव्रता को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव भी किया जा चुका है.जिला प्रशासन ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को दोपहर से पहले बंद करने का निर्देश भी जारी किया है.अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को धूप में बाहर न भेजें.
क्या कहते हैं पर्यावरण विशेषज्ञ?
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार बढ़ रही गर्मी वैश्विक जलवायु परिवर्तन का परिणाम है.वृक्षों की कटाई, बढ़ता प्रदूषण और शहरों में कंक्रीट के जंगलों का फैलाव स्थानीय स्तर पर तापमान को बढ़ा रहे हैं.विशेषज्ञों ने सरकार और आम लोगों से मिलकर हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की अपील की है.
सरकार की तैयारी और सुझाव
राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम को हीटवेव से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.जल आपूर्ति, चिकित्सा सहायता, बिजली व्यवस्था और अन्य आवश्यक सेवाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोगों से अपील की है कि वह गर्मी के इस दौर में सावधानी बरतें और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी को नजरअंदाज न करें.
लखनऊ और आसपास के इलाकों में जनजीवन प्रभावित
लखनऊ और कुछ जिलों में दिन चढ़ते ही जैसे आग बरसने लगती है.कई जगहों पर तो सुबह 9 से दस बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा दिखने लगता है.स्कूल जाने वाले बच्चों और दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.सड़कों पर रिक्शा चालक, फलवाले और अन्य रोजमर्रा के मजदूर वर्ग गर्मी की मार से बेहाल हैं.अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू से प्रभावित मरीजों की संख्या में इजाफा देखा गया है.