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मेरठ में अवैध कारतूस सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़, मदरसे के छात्र समेत 3 गिरफ्तार, दिल्ली के नीरज बवाना गैंग से जुड़े तार

मेरठ पुलिस ने अवैध कारतूस सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और 234 कारतूस बरामद किए गए हैं. पकड़ा गया मास्टरमाइंड शारिब मदरसे में हाफिज की पढ़ाई कर रहा था. गिरोह के तार दिल्ली के नीरज बवाना गैंग से जुड़े हो सकते हैं. चार आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक बड़े अवैध कारतूस सप्लाई नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए सनसनीखेज खुलासा किया है. स्वाट टीम और लालकुर्ती थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो न केवल भारी मात्रा में अवैध कारतूसों की खरीद-फरोख्त में शामिल था, बल्कि उनका संबंध दिल्ली के कुख्यात नीरज बवाना गैंग से होने की आशंका भी जताई जा रही है. पुलिस ने इनके कब्जे से 200 से अधिक खतरनाक कारतूस बरामद किए हैं.

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इस कार्रवाई में पकड़े गए मुख्य आरोपी की पहचान शारिब पुत्र फरीद के रूप में हुई है, जो सठला गांव, थाना मवाना का निवासी है. हैरानी की बात यह है कि शारिब एक मदरसे में हाफिज की पढ़ाई कर रहा था. उसके साथ पकड़े गए दो अन्य आरोपी हैं उवैद खान पुत्र जावेद, जो मैन मवाना का रहने वाला है और हैदर खान पुत्र लईक अहमद उर्फ भूरा, जो पंचायती घर के पास सठला का निवासी है. तीनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

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पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से अवैध कारतूसों की खरीद-फरोख्त कर रहा था. पूछताछ में सामने आया कि शारिब अपने भाई शाकिर और भतीजे के साथ मिलकर इस नेटवर्क को संचालित करता था. वे कारतूसों की खेप अहद उर्फ राजा उर्फ पख्तूनी नामक व्यक्ति से प्राप्त करते थे. जिसे बाद में आगे भूरा और जॉनी जैसे अन्य सहयोगियों को सप्लाई किया जाता था. इन सभी की संलिप्तता अवैध हथियारों के नेटवर्क से जुड़ी पाई गई है.

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मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 204 अदद 12 बोर और 30 अदद 315 बोर के कारतूस बरामद किए गए हैं. ये कारतूस सामान्यतः शूटिंग के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, लेकिन आरोपी इन्हें मॉडिफाई करके घातक हथियारों में तब्दील कर रहे थे. इनकी बाजार में कीमत 50 से 80 रुपये प्रति कारतूस होती है, लेकिन ये लोग इन्हें डेढ़ सौ रुपये में बेचते थे.

बरामद सामान.

शारिब के मोबाइल फोन से पिस्तौल और तमंचों की तस्वीरें भी बरामद की गई हैं. उसने कबूल किया है कि इन हथियारों को जॉनी और भूरा को बेचा गया था. फोन से डिलीट किया गया डेटा भी रिकवर किया गया है और उसकी जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि ये कारतूस दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना गैंग को भी सप्लाई किए जा सकते हैं और इसी कोण से गहन जांच की जा रही है.

फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज

फिलहाल, इस नेटवर्क से जुड़े चार आरोपी अभी भी फरार हैं. इनमें शामिल हैं शारिब का भाई शाकिर, उसका जीजा कदीम (जो फिलहाल जेल में है), जॉनी पुत्र डॉ. महबूब, अहद उर्फ राजा उर्फ पख्तूनी और भूरा पुत्र माजिद. पुलिस इन सभी की तलाश में दबिश दे रही है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि शारिब के साथ मदरसे में पढ़ने वाले अन्य लोग भी इस नेटवर्क से जुड़े थे या नहीं. पूरे मामले में बड़ा नेटवर्क सामने आने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया गया है.
 

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