फरीदाबाद जैश मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियों को पता चला है कि शाहीन पिछले कई महीनों से फर्जी पते पर लिया गया एक मोबाइल सिम इस्तेमाल कर रही थी. यही सिम उसके अधिकांश संपर्क और गतिविधियों में उपयोग हो रहा था, जिससे एजेंसियों की शंका और गहरा गई है.
सूत्रों के अनुसार, साल 2023 में शाहीन ने फरीदाबाद के धौज कस्बे की एक मस्जिद के पते पर सिम कार्ड लिया था. यह एड्रेस न तो उसका स्थाई पता था और न ही वह उस इलाके से कभी सीधे तौर पर जुड़ी दिखाई देती है. जांच में यह भी सामने आया कि फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने के दौरान भी वह इसी नंबर का सबसे अधिक इस्तेमाल करती थी. एजेंसियों का मानना है कि फर्जी एड्रेस का इस्तेमाल उसकी गतिविधियों को छिपाने का तरीका हो सकता है.

चौंकाने वाली बात यह है कि शाहीन कभी भी अपने लखनऊ स्थित पिता के घर को स्थाई पता नहीं लिखती थी. इसकी बजाय वह अपने भाई डॉ. परवेज अंसारी के घर का पता स्थाई पता बताती रही. डॉ. परवेज का नाम भी संदिग्ध गतिविधियों और जांच के दायरे में है, जिसके चलते शाहीन द्वारा पिता का एड्रेस न लिखना सवाल खड़े कर रहा है.
जांच में शाहीन की ट्रैवल हिस्ट्री भी सामने आई है, जिसमें पता चला कि साल 2013 में कानपुर की नौकरी छोड़ने के बाद वह कुछ दिनों के लिए थाईलैंड भी गई थी. एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस यात्रा का मकसद क्या था और वहां उसकी किन लोगों से मुलाकात हुई थी.

इसके अलावा, दो महीने पहले शाहीन लखनऊ आई थी, और इसी दौरान वह अपने भाई परवेज अंसारी को लेकर कानपुर भी गई थी. UP ATS और इंटेलिजेंस यूनिट इस मूवमेंट के मकसद और इसमें शामिल व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने में जुटी हुई है.
शाहीन के UP कनेक्शन, संदिग्ध सिम कार्ड, फरीदाबाद मॉड्यूल में भूमिका और उससे जुड़े संपर्कों को लेकर एजेंसियां गहराई से जांच कर रही हैं. इससे पहले उसकी कार से हथियार, जिसमें AK-47 और पिस्टल शामिल हैं, बरामद किए जा चुके हैं, जिसके बाद जांच का दायरा और बढ़ गया है.