उत्तर प्रदेश की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़े क्रिप्टोकरेंसी घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ, गोंडा और रायबरेली में सक्रिय एक गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो चीनी फ्रॉड गैंग के लिए USDT (क्रिप्टोकरेंसी) में लेनदेन करता था. इस गैंग ने बीते दो महीनों में करीब 75 से 80 लाख रुपये की रकम क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिए चीनी गैंग को ट्रांसफर की.
दरअसल, गैंग TRC-20 नेटवर्क के जरिए USDT ट्रेडिंग करता था और चीनी गिरोह से जुड़ी अवैध कैश को वैध दिखाने का काम करता था. इस नेटवर्क के जरिए डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन फ्रॉड से वसूली गई रकम को पहले भारत में मौजूद बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता. फिर उससे USDT खरीदा जाता और आखिरकार वह क्रिप्टो चीनी गैंग को भेज दी जाती.
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गिरफ्तार आरोपियों में सत्यम तिवारी, दिवाकर विक्रम सिंह, सक्षम तिवारी, विनोद कुमार, कृष शुक्ला, मोहम्मद शा लाइक अहमद और मनीष जायसवाल शामिल हैं. पुलिस ने कुल 8 लोगों को पकड़ा है, जिनमें से 2 को सरकारी गवाह बनाया गया है और बाकी 8 को जेल भेज दिया गया है.
मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि यह गैंग बैंक अकाउंट भी उपलब्ध कराता था, जिसमें फ्रॉड की रकम मंगवाई जाती थी. इसके बाद यह USDT में निवेश कर चीनी गिरोह को रकम ट्रांसफर करता था. साथ ही अपने हिस्से का कमीशन निकालता था.