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मायावती के 'बरसाती मेंढक' वाले बयान पर चंद्रशेखर आजाद का जवाब, बोले- 'तो बहन जी मेरा नाम लिखतीं...'

मायावती के ट्वीट को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने स्पष्ट किया कि वह ट्वीट उनके लिए नहीं था. उन्होंने कहा कि बहनजी उनकी सम्माननीय नेता हैं और वह कभी भी बहुजन समाज के युवाओं को 'बरसाती मेंढक' नहीं कह सकतीं. चंद्रशेखर ने बीजेपी से नजदीकी और सुरक्षा के सवाल पर कहा कि उन पर हमला हुआ था, इसलिए सुरक्षा दी गई. साथ ही, पंचायत चुनाव को उन्होंने "सेमीफाइनल" बताते हुए जोरदार लड़ाई की तैयारी का ऐलान किया.

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मायावती और चंद्रशेखर आजाद- फाइल फोटो
मायावती और चंद्रशेखर आजाद- फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के एक हालिया ट्वीट, जिसमें 'बरसाती मेंढकों' का जिक्र था, उसे लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह इशारा आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद की ओर है. हालांकि चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि यह ट्वीट उनके लिए नहीं है.

'मायावती का ट्वीट मेरे लिए होता तो नाम लेतीं'
आजतक से बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा, 'यह ट्वीट अगर मेरे लिए होता तो बहनजी मेरा नाम लिखतीं. वह मेरी सम्माननीय नेता हैं. मैं आजीवन उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं.'

उन्होंने आगे कहा, 'बरसात का मेंढक मुझे क्यों कहा जाएगा? क्या बहुजन समाज के पढ़े-लिखे युवा बरसाती मेंढक हैं? बहुजन मिशन की भाषा ऐसी नहीं हो सकती.'

'मैं सत्ता के सूखे को खत्म करने निकला हूं'
चंद्रशेखर ने कहा कि वह मायावती को किसी प्रकार की चुनौती नहीं दे रहे. 'वह सत्ता में नहीं हैं और मैं सिर्फ अपने समाज को जगाने निकला हूं ताकि 15 सालों से जो सत्ता का सूखा पड़ा है, वह खत्म हो सके.' उन्होंने साफ किया कि 'हम पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल की तरह देख रहे हैं और पूरी ताकत से लड़ेंगे.'

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बीजेपी से नजदीकी के सवाल पर दिया जवाब
बीजेपी से नजदीकी और सुरक्षा मिलने पर चंद्रशेखर ने कहा, 'मेरे ऊपर गोली चली है और जिन लोगों ने हमला किया, वे बेल पर घूम रहे हैं. सभी दलों के लोगों ने मेरी सुरक्षा की मांग की थी.' उन्होंने यह भी कहा कि 'मुझे न तो सर्वदलीय बैठक में बुलाया गया, न किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया, फिर मेरी बीजेपी से नजदीकी कैसे बढ़ रही है?'

'हमारा आंदोलन विचारधारा से चलता है'
चंद्रशेखर ने दोहराया कि आजाद समाज पार्टी एक वैचारिक आंदोलन है और इसका किसी से समझौता नहीं होगा. वक्फ और अन्य मुद्दों पर हमारा वही स्टैंड है. हम दलितों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के गरीबों की भी आवाज उठाते रहेंगे.'

अखिलेश यादव से संबंध सामान्य
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर चंद्रशेखर ने कहा, 'संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं, लेकिन बहुत बुरे भी नहीं हैं. संसद में सामान्य शिष्टाचार होता है.'

अंत में चंद्रशेखर ने कहा, 'हम उत्तर प्रदेश में 85% कमजोर वर्ग को जोड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं और पंचायत चुनाव में पूरी ताकत झोंकेंगे. हमारा मिशन कभी झुकेगा नहीं.'

क्या था मायावती का ट्वीट?
बता दें कि मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने लिखा कि देश में बीएसपी बहुजन हित की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चताप करने पर उन्हें वापस लेने की परंपरा है. इसी क्रम में श्री आकाश आनन्द के उतार-चढ़ाव व उन्हें मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने से बहुत से लोगों में बेचैनी स्वाभाविक.

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उन्होंने लिखा, पार्टी को उम्मीद है कि अब श्री आकाश आनन्द बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के आत्म-सम्मान के कारवां को आगे बढ़ाने व उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी पूरी तनम्यता व जी-जान से निभाएंगे अर्थात पार्टी को अवसरवादी व स्वार्थी लोगों की कतई जरूरत नहीं. 

मायावती ने आगे लिखा, वैसे भी कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बीएसपी को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं. लोग सावधान रहें.

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