उत्तर प्रदेश के देवरिया में 11 साल पूर्व हुई नृशंस हत्या के मामले में अपर एवं सत्र न्यायधीश ने अभियुक्त श्रीराम यादव को दोषी पाया है. कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है.
गौरतलब है कि थाना खुखुन्दू क्षेत्र के ग्राम जुआफ़र के रहने वाले श्रीराम यादव की बहन माना देवी की शादी ग्राम पिपरा शुक्ल में हुई थी. उसके बच्चे भी थे. वहीं, दूसरी तरफ ग्राम महुई पांडेय निवासी रमाशंकर यादव ग्राम जुआफ़र में ईंट-भट्ठे पर ट्रैक्टर चलाने का काम करता था. वह भी शादीशुदा था और उसके बच्चे थे. रमाशंकर की पत्नी मर चुकी थी.
इसी बीच रमाशंकर के शादीशुदा माना यादव से प्रेम संबंध स्थापित हो गए. मगर कुछ दिन बाद रमाशंकर सऊदी अरब नौकरी करने चला गया. हालांकि, वह माना के संपर्क में बना रहा. जब वह लौटा तो माना यादव को अपनी पत्नी बनाकर घर पर रख लिया. यह बात माना के भाई श्रीराम यादव को नागवार गुजरने लगी. वह बदले की आग में तिल-तिल मर रहा था.
श्रीराम यादव लगातार पुलिस व प्रशासन में शिकायत करता रहा लेकिन कुछ नहीं हुआ. माना रमाशंकर के साथ उसके घर पर रह रही थी. समाज में तरह-तरह की बातों से श्रीराम परेशान रहने लगा था और उसने रमाशंकर की हत्या की साजिश रच डाली. इसके लिए उसने श्रीराम से नजदीकी बढ़ाई. मगर उसके मन में कहीं न कहीं बदले की आग धधक रही थी.
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31 अक्टूबर 2014 को रमाशंकर के यहां शराब और मीट की दावत हुई. रात होने पर श्रीराम ने रमाशंकर से बाइक से उसे घर छोड़ने का निवेदन किया. किसी अनहोनी से अंजान रमाशंकर उसे बाइक पर पीछे बिठाकर चल दिया. जब बाइक जुआफ़र गांव पहुंची तो उतरते ही पीछे बैठे श्रीराम यादव ने धारदार हथियार से रमाशंकर की आधी गर्दन काट दी और वहां से भाग निकला. इस हमले के बाद रामशंकर ने तड़पकर दम तोड़ दिया.
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त की और मृतक के पिता रामायण यादव की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज किया. जांच-पड़ताल के बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई. लेकिन कुछ दिन बाद वह जेल से जमानत पर रिहा हो गया. हालांकि, मामले में सुनवाई चल रही थी. बीते दिन कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीधर तिवारी ने इस बात की जानकारी दी है.