अयोध्या धाम में नवरात्रि और आगामी दीपावली पर्व को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने सघन जांच की. इस दौरान श्रद्धालुओं को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद विशेषकर हनुमानगढ़ी मंदिर में चढ़ने वाले बेसन के लड्डू, देशी घी और पेड़े की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. क्योंकि 31 नमूनों की जांच में 3 सैंपल फेल पाए गए हैं.
अयोध्या के सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय मानिक चंद्र सिंह ने बताया कि विभाग ने 31 दुकानों से नमूने लिए. जिनमें से तीन प्रमुख सैंपल लड्डू, बेसन और देशी घी फेल पाए गए हैं. इन उत्पादों की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं रही और देशी घी में रैसिडिटी (बासीपन की मात्रा) अधिक पाई गई. जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दुकानदार प्रसाद में कृत्रिम रंग मिला रहे हैं.
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फूड सेफ्टी अधिकारियों ने दिए सख्त निर्देश
फूड सेफ्टी अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रसाद में किसी भी तरह का रंग न मिलाया जाए. ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. हनुमानगढ़ी क्षेत्र के लड्डू व्यवसायी संजय गुप्ता और जितेंद्र गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि उन्होंने खाद्य विभाग को जांच के लिए घी, बेसन और लड्डू के सैंपल दिए हैं. उनका दावा है कि हम उच्च गुणवत्ता के देसी घी और बेसन से ही लड्डू बनाते हैं.
श्रद्धालुओं को शुद्ध और पवित्र प्रसाद देना हमारी जिम्मेदारी है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रसाद की दर 400 रुपये से 500 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई है. जिससे शुद्ध सामग्री के उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके. सहायक आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले पर्वों जैसे दीपावली को ध्यान में रखते हुए अब विभाग और सख्ती बरतेगा. टीम द्वारा अयोध्या के बाजारों में खोया, पनीर, बेसन और अन्य खाद्य सामग्री की निगरानी की जा रही है ताकि नकली और मिलावटी उत्पादों की बिक्री पर लगाम लगाई जा सके.
हनुमानगढ़ी का प्रसाद आस्था से जुड़ा विषय है. इसमें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय मानिक चंद्र सिंह ने बताया कि अयोध्या में हर दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में प्रसाद की शुद्धता न केवल स्वास्थ्य, बल्कि श्रद्धा का भी विषय है. संत समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित प्रसाद मिले.