भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' से आतंकवादियों ठिकानों के नेस्तनाबूद होने के बाद तिलमिलाए आतंकी संगठन इंडो-नेपाल बॉर्डर से घुसपैठ कर सकते हैं. ऐसी आशंका को देखते हुए बॉर्डर एरिया में सतर्कता बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही आतंकियों के पूर्व मददगारों, स्लीपर सेल्स पर भी निगरानी बढ़ाई गई है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर होने वाली हर हरकत, संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट यूपी पुलिस हेडक्वार्टर भेजी जा रही है. इंटेलिजेंस एजेंसीज के इनपुट के बाद बॉर्डर के सभी 7 जिलों पर चौकसी बढ़ाई गई है. ड्रोन कैमरा के जरिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर निगरानी रखी जा रही है.
हाई रिजॉल्यूशन नाइट विजन डिवाइसेज से लैस ड्रोन कैमरों से इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है. इनमें मुख्य जिले हैं- लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर और महाराजगंज.
गौरतलब है कि इन्हीं जिलों में बीते कुछ दिनों से अवैध अतिक्रमण पर एक्शन भी जा रही है. अवैध मदरसों, अवैध मस्जिदों आदि पर पुलिस-प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है. कुछ जगहों पर बुलडोजर भी चलाया गया है.
ऐसे में 'ऑपरेशन सिंदूर'के बाद इंडिया-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तरफ से यात्रियों के सामानों की जांच भी विशेष मशीनों की मदद से की जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि को समय रहते पकड़ा जा सके. एसएसबी के अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर निगरानी रखी जा रही है. भारत और नेपाल के बीच आवाजाही करने वाले हर व्यक्ति की कड़ी जांच की जा रही है.
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 जगहों पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. भारत की इस कार्रवाई में दर्जनों आतंकी मारे गए. भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया, जहां से भारत पर आतंकी हमलों का प्लान बनाया गया था.