
सपा मुखिया अखिलेश यादव पर बीजेपी एक बार फिर हमलावर है. मायावती ने भी अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. और इसकी वजह है एक फोटो, जिसमें बाबा साहेब के चेहरे के साथ अखिलेश यादव के चेहरे को मिलाकर दिखाया गया है. बीजेपी और बीएसपी ने इसे बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान बताया है.
मायावती ने आज X पर पोस्ट कर लिखा है कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का यह अपमान उनकी पार्टी नहीं सहेगी और बसपा इस मुद्दे पर सड़क पर उतर सकती है.
उधर, बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने कल रात से ही बाबा साहेब के चेहरे में अखिलेश के चेहरे को मिलाकर पोस्टर बनाने और उसे अखिलेश यादव को भेंट करने के लोहिया वाहिनी के कार्यक्रम के बाद हल्ला बोल दिया है.
योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण, बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृजलाल और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस तस्वीर के बाद अब अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है और उनसे बिना देर किए माफी मांगने की मांग की है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मायावती और बीजेपी दोनों के हल्ला बोलने के बाद अखिलेश इस मुद्दे पर क्या कहते हैं.
गौरतलब है कि दलितों के मुद्दे पर अखिलेश यादव लगातार बीजेपी को घेर रहे हैं, खासकर सांसद रामजीलाल सुमन के मामले में जिस तरीके से करणी सेना को बीजेपी से जोड़कर समाजवादी पार्टी ने सियासी स्कोर किया है, अब बीजेपी बाबा साहब के चेहरे से छेड़छाड़ को मुद्दा बनाकर अखिलेश पर हमलावर हो गई है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- 'भारत रत्न संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का फोटो काटकर खुद की तस्वीर लगाना अखिलेश यादव एंड कंपनी का अक्षम्य अपराध है. यह न केवल बाबा साहब का, बल्कि उनके करोड़ों अनुयायियों दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और वंचितों का जानबूझकर किया गया घोर अपमान है. सपा मुखिया को तत्काल माफी मांगनी चाहिए. जो बाबा साहब का सम्मान नहीं कर सका, वो उनके अनुयायियों का क्या करेगा यह अंदाज़ा पहले से था जो सपा के पोस्टर से उजागर और इनके फर्जी PDA का नकाब उतर गया है.'