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Agra Jeweller Murder Case: एनकाउंटर में मारा गया अमन, भाई गिरफ्तार, साथी फारुख फरार... जानिए वारदात से मुठभेड़ तक की पूरी कहानी

Agra Encounter: आज सुबह पुलिस को अमन की लोकेशन की सूचना मिली थी. घेराबंदी करते ही अमन ने पुलिस टीम पर लूट के सामान की बारामदगी के दौरान पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से अमन घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अमन को मृत घोषित कर दिया. 

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एनकाउंटर स्थल पर आगरा पुलिस की टीम
एनकाउंटर स्थल पर आगरा पुलिस की टीम

यूपी की आगरा पुलिस ने ज्वेलर योगेश चौधरी की हत्या और लूट के आरोपी अमन को मुठभेड़ में मौत के घाट उतार दिया है. आज सुबह सिकंदरा क्षेत्र में योगेश चौधरी की हत्या के चार दिन बाद पुलिस ने एनकाउंटर में आरोपी अमन को मार गिराया है. आइए जानते हैं कि कौन था अमन और कैसे पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला.... 

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दरअसल, मंगलवार सुबह पुलिस को अमन की लोकेशन की सूचना मिली थी. घेराबंदी करते ही अमन ने पुलिस टीम पर लूट के सामान की बारामदगी के दौरान पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से अमन घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अमन को मृत घोषित कर दिया. 

जानिए पूरी वारदात 

आपको बता दें कि हत्या और ज्वेलरी शॉप में लूट की वारदात की घटना शुक्रवार सुबह की है, जब सिकंदरा के कारगिल चौराहे के पास स्थित ज्वेलरी शोरूम में दो बदमाश बाइक से पहुंचे थे. अंदर घुसकर स्टाफ को गन पॉइंट पर लेकर उन्होंने लूटपाट शुरू की. बदमाशों ने कहा- “दुकान में रखे गहने और पैसे भर दो, नीचे जाने तक शांत रहना, वरना जान से मार देंगे.”

जैसे ही लुटेरे नीचे उतर रहे थे, शोरूम मालिक योगेश चौधरी आ गए और बदमाशों से भिड़ गए. खुद को घिरता देख एक लुटेरे ने योगेश के सीने में गोली मार दी. फिर लगभग 10 लाख रुपये के गहने और नकद लूटकर दोनों बदमाश फरार हो गए थे. पूरी घटना CCTV में रिकॉर्ड हो गई थी.

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इस वारदात के बाद शहर में दहशत का माहौल था. पुलिस पर जल्द कार्रवाई का दबाव था. चार दिन की लगातार तलाश के बाद आखिरकार पुलिस ने आरोपी अमन को मुठभेड़ में मार गिराया, वहीं दूसरा आरोपी फारूक अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. अमन के भाई सुमित को भी घटना में लिप्त पाया गया है. फिलहाल, पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार कर लिया है और उसके जेल भेजने की तैयारी हो रही है. 

ऐसे अमन तक पहुंची पुलिस 

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस के करीब 500 अधिकारियों कर्मचारियों घटना को खोलने में लगाए गए थे. आरोपियों को पकड़ने के लिए 9 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था. आरोपियों तक पहुंचाने के लिए सर्विलांस टीम के अलावा शहर के 1000 सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की गई थी. 

मामले में पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि जघन्यतम हत्या थी. इसके अनावरण के लिए नौ टीमें बनाई गई थीं. डीजीपी लगातार इसकी जानकारी ले रहे थे. जब इसकी विवेचना की गई तो 1000 से ज्यादा कैमरे देखे गए. अपराधी कमरे में दिख रहे थे. दो लोग बाइक पर सवार थे. उन्होंने ही फायरिंग की थी. फरार फारूक पर ₹50000 का इनाम घोषित किया गया है. वहीं, अमन ने समान बरामदगी के दौरान पुलिस टीम पर फायरिंग की थी. पुलिस के द्वारा उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने मना कर दिया था. ऐसे में पुलिस के द्वारा आत्मरक्षार्थ गोली चलाई गई. आगरा पुलिस ने इसे चैलेंज के रूप में लिया था.

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