ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोशल मीडिया पर एक IC-814 ट्रेंड कर रहा है. X पर लोग लगभग 26 साल पुरानी एक हाईजैकिंग की घटना को फिर से याद कर रहे हैं. सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान पर हुए हमले के बाद इस फ्लाइट का क्या कनेक्शन है?
दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इन इलाकों को लंबे समय से आतंकियों का 'सेफ जोन' माना जाता था. बताया गया कि हमले में जैश सरगना मसूद अजहर के रिश्तेदारों की भी मौत हुई है.
1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को 5 आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. ये फ्लाइट काठमांडू से दिल्ली आ रही थी, जिसमें 191 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे. विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया. हाईजैकर्स ने भारत सरकार के सामने शर्त रखी-आतंकी मसूद अजहर, अहमद उमर शेख और मुश्ताक जरगर को रिहा करो, वरना यात्रियों की जान जाएगी.
भारत सरकार ने मजबूरी में इन खूंखार आतंकियों को रिहा किया और IC-814 के यात्रियों को बचाया गया. लेकिन आज जब भारत आतंक के खिलाफ सीधी कार्रवाई कर रहा है, उसी मसूद अजहर के नाम पर फिर से गुस्सा उबल रहा है.
कैसे पकड़ा गया था मसूद अजहर?
कई रिपोर्ट के मुताबिक, मसूद अजहर 1994 में पुर्तगाली पासपोर्ट के जरिए ढाका से दिल्ली आया था. श्रीनगर में अलगाववादियों के बीच सक्रिय होकर वह युवाओं को आतंक की राह पर लुभा रहा था. बाद में अनंतनाग में एक ऑटो में साथी सज्जाद अफगानी के साथ बैठा मिला और सेना ने उसे गिरफ्तार कर लिया. जेल में रहते हुए मसूद ने कई बार दावा किया कि भारत मुझे ज्यादा दिन रोक नहीं पाएगा और वह सही साबित हुआ.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान से आए एक फोन ने कैसे खोला राज़? IC-814 कंधार हाईजैक की कहानी
कंधार कनेक्शन और पाकिस्तान का हाथ
IC-814 हाईजैकिंग के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं. कंधार में तालिबान की मौजूदगी और आतंकियों को मिली सुरक्षा, इस बात की गवाही देते हैं कि इस पूरी साजिश में पाकिस्तान की सहमति या चुप्पी जरूर शामिल थी.
अब जब भारतीय वायुसेना ने उन्हीं आतंकी अड्डों पर सीधे वार किया है, जिनका नाम 1999 की कंधार हाईजैकिंग में सामने आया था, तो IC-814 का ट्रेंड करना एक प्रतीक बन चुका है-इंसाफ का, जवाबदेही का और आतंक के खिलाफ भारत की बदलती रणनीति का.