अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, इस्फहान और नतांज़ पर किए गए हवाई हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार देर रात दावा किया कि इन हमलों में ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह से खत्म कर दी. उन्होंने यह भी वार्निंग दी कि अगर ईरान शांति की दिशा में नहीं बढ़ता, तो और हमले किए जाएंगे.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिर, इस घटनाक्रम के बाद कई मुस्लिम देशों ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा की है और ईरान के साथ एकजुटता जताई है. हालांकि ये निंदा अभी सिर्फ बयानबाजी तक सीमित है. किसी भी देश ने ईरान को सैन्य हथियारों या प्रत्यक्ष मदद का आश्वासन नहीं दिया है
सऊदी अरब:
सऊदी अरब ने अमेरिकी हमलों पर गंभीर चिंता जताई. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सऊदी अरब इस्लामी रिपब्लिक ईरान में परमाणु ठिकानों को अमेरिका द्वारा निशाना बनाए जाने की घटनाओं को अत्यंत चिंताजनक मानता है. उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और हालात को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की अपील की.
कतर:
कतर ने अमेरिकी हमले के गंभीर परिणामों को लेकर आशंका जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा, यह खतरनाक बढ़त क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनाशकारी परिणाम ला सकती है. सभी पक्षों को संयम और समझदारी दिखानी चाहिए.
ओमान:
ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा ओमान भी अमेरिका के हमले से नाखुश नजर आया. ओमान न्यूज एजेंसी के मुताबिक कि ओमान ने अमेरिका के हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है.
इराक:
इराक सरकार के प्रवक्ता बसीम अलवादी ने कहा कि यह सैन्य हमला पश्चिम एशिया की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. यह पूरे क्षेत्र की स्थिरता को जोखिम में डाल सकता है.
पाकिस्तान:
पाकिस्तान ने एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था, लेकिन अब विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. बयान में कहा गया कि ईरान के खिलाफ की गई आक्रामकता बेहद चिंताजनक है और पाकिस्तान इसके नतीजों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है.
फिलिस्तीन:
फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास ने एक बयान में अमेरिका की खुलेआम आक्रामकता की कड़ी निंदा की. उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया.हमास ने कहा कि हम ईरान, उसकी नेतृत्व और उसकी जनता के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं और हमें पूरा भरोसा है कि ईरान अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है.