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Viral: कॉफी मशीन की मांग पर सीईओ का तंज, कहा- '50,000 में दो इंटर्न खरीद सकता हूं'

नोएडा की एक आईटी कंपनी में कॉफी मशीन लगाने की मांग पर सीईओ द्वारा दिया गया विवादित बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा कारण बन गया. कर्मचारी के अनुसार, सीईओ ने कहा—“50,000 में मैं दो इंटर्न खरीद सकता हूं, कॉफी मशीन पर पैसा क्यों खर्च करूं?”

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सोशल मीडिया यूजर्स ने इस सोच की आलोचना करते हुए कहा कि इसी कारण भारत से टैलेंट विदेशों की ओर जा रहा है या आईटी सेक्टर छोड़ रहा है. ( Photo: AI Generated)
सोशल मीडिया यूजर्स ने इस सोच की आलोचना करते हुए कहा कि इसी कारण भारत से टैलेंट विदेशों की ओर जा रहा है या आईटी सेक्टर छोड़ रहा है. ( Photo: AI Generated)

भारतीय आईटी कंपनियां अक्सर इंटर्न्स और नए लोगों पर निर्भर रहती हैं, लेकिन कई बार यही व्यवस्था झगड़े और नाराजगी की वजह भी बन जाती है. हाल ही में नोएडा की एक आईटी कंपनी में ऐसा ही विवाद सामने आया, जहां कॉफी मशीन लगाने के साधारण से अनुरोध पर सीईओ ने ऐसा बयान दे दिया, जिसने कंपनी के भीतर काफी बहस शुरु हो गई.चलिए जानते हैं.

क्या है मामला?
नोएडा के एक आईटी कर्मचारी ने Reddit के r/IndianWorkplace पर अपनी कंपनी से जुड़ा अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके संस्थान में निम्न-स्तरीय टियर 1 और अच्छे टियर 2 कॉलेजों से नए इंटर्न्स की एक बैच शामिल हुई थी. ये सभी इंटर्न अभी ऑफिस माहौल से परिचित हो ही रहे थे. इसी दौरान, एक अनौपचारिक बातचीत में कर्मचारी ने कंपनी के सीईओ से पूछा कि क्या ऑफिस में एक अच्छी कॉफी मशीन लगवाई जा सकती है. इस पर सीईओ ने काफी विवादित बयान दिया. 

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क्या था सीईओ का विवादित बयान
कर्मचारी के अनुसार, सीईओ ने यह अनुरोध ठुकराते हुए बेहद अजीब और चौंकाने वाली टिप्पणी की. सीईओ ने कहा- “50,000 में मैं दो इंटर्न खरीद सकता हूं. मैं कॉफी मशीन पर इतना पैसा क्यों खर्च करूं?” यह बयान कंपनी में तेजी से फैल गया, और सोशल मीडिया पर भी लीक हो गया. लोग हैरान थे कि इंटर्न्स को एक ऑफिस उपकरण (Office Equipment) से भी कम मूल्य का बताया जा रहा है.

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सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
पोस्ट करने वाले एंप्लॉयी ने लिखा कि यह टिप्पणी भारतीय कंपनियों के उस पुराने रवैये को दर्शाती है, जिसमें इंटर्न्स और फ्रेशर्स को भविष्य की प्रतिभा नहीं, बल्कि “सस्ता और डिस्पोजेबल श्रम” (Cheap and disposable labor) माना जाता है.

कई भारतीय आईटी कंपनियां इंटर्न्स पर निर्भर
कई भारतीय आईटी कंपनियां कम खर्च में काम करवाने के लिए इंटर्न्स पर काफी निर्भर रहती हैं. इन इंटर्न्स से लंबे समय तक काम करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन उन्हें उस हिसाब से सुविधाएं नहीं मिलती. अक्सर उनके पास न तो सही कार्यस्थल समर्थन होता है, न ही सीखने और आगे बढ़ने का माहौल.कई जगह तो उन्हें बुनियादी सुविधाएं—जैसे अच्छी बैठने की जगह, कॉफी या चाय जैसी सरल ऑफिस सुविधाएं, या उचित मेंबरशिप भी नहीं मिलती. इसके बावजूद कंपनियां उनसे काफी ज्यादा काम चाहती हैं. इस वजह से इंटर्न्स खुद को कम महत्वपूर्ण और कम आंका हुआ महसूस करते हैं.

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई. सीईओ की बात सुनकर Reddit के यूजर्स गुस्से में आ गए और कई तरह के कमेंट करने लगे. किसी ने लिखा, “हर दिन भारतीय कंपनियों की एक नई अजीब कहानी सामने आ जाती है.” एक और यूजर ने कहा, “भारत टेक्नोलॉजी में अमेरिका और चीन से पीछे क्यों है, इसका कारण ऐसे ही रवैये हैं.” किसी ने व्यंग्य करते हुए लिखा, “लगता है सीईओ को इंटर्न्स के हाथ की बनी कॉफी ज्यादा पसंद है.” कई लोगों ने यह भी कहा कि ऐसी सोच की वजह से ही भारत के अच्छे प्रतिभाशाली लोग विदेशों में नौकरी ढूंढते हैं या आईटी सेक्टर छोड़ देते है.

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