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खाने के बदले जिस्म की मांग... गाजा में महिलाएं ऐसे भर रही हैं पेट, हैरान कर देगी हकीकत!

युद्ध से बर्बाद गाजा में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोगों के पास खाने तक के लाले पड़े हैं. घर तबाह हो चुके हैं, नौकरियां खत्म हो गई हैं और लगभग हर कोई कहीं न कहीं से विस्थापित है. इसी बीच कुछ महिलाएं अब अपनी सबसे बड़ी मजबूरी के बारे में बता रही हैं.

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गाजा में ऐसे कई मामलों के खुलासे हुए हैं (Photo: AP)
गाजा में ऐसे कई मामलों के खुलासे हुए हैं (Photo: AP)

युद्ध से तबाह गाजा में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि महिलाओं को अब भोजन और राहत सामग्री के बदले यौन संबंध की मांगों का सामना करना पड़ रहा है. यह खुलासा एपी न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में किया है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि गाजा में खाने की भारी कमी है, नौकरियां खत्म हो चुकी हैं और लगभग पूरी आबादी विस्थापित हो गई है. इसी बीच, कुछ महिलाओं ने दावा किया है कि राहत वितरण से जुड़े पुरुष अब उनका शोषण कर रहे हैं.

रोटी के बदले सेक्स की डिमांड

38 साल की एक महिला ने एपी को बताया कि वह अपने छह बच्चों को खिलाने के लिए संघर्ष कर रही थी. उसे लगा कि किसी राहत एजेंसी में नौकरी मिल जाएगी, लेकिन जिस व्यक्ति ने वादा किया, उसने उसे एक खाली अपार्टमेंट में बुलाया और शोषण किया. बाद में उसने उसे 100 शेकेल (करीब 30 डॉलर) और कुछ खाना दिया, लेकिन नौकरी कभी नहीं मिली.

गाजा में रहने वाली कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें खाने, पैसों या नौकरी के बदले यौन संबंधों की मांगों का सामना करना पड़ रहा है. इन महिलाओं का कहना है कि मानवीय मदद बांटने से जुड़े कुछ लोग उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं.

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महिलाओं ने सुनाया अपना दर्द

ह्यूमन राइट्स वॉच की अधिकारी हीदर बार ने कहा कि मानवीय संकट के समय इस तरह का शोषण कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि गाजा की स्थिति इस वक्त बेहद भयावह है, खासकर महिलाओं और लड़कियों के लिए.

मनोवैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने ऐसी दर्जनों महिलाओं का इलाज किया जिन्हें मदद के बदले यौन संबंधों के लिए मजबूर किया गया था. कुछ महिलाएं गर्भवती भी हो गईं, लेकिन गाजा के रूढ़िवादी समाज में कोई खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा. मानवाधिकार संगठन जिनमें विमेन्स अफेयर्स सेंटर और PSEA नेटवर्क शामिल हैं. उसने पुष्टि की है कि वे इन रिपोर्टों से वाकिफ हैं.

विमेन्स अफेयर्स सेंटर की निदेशक अमल स्याम ने कहा कि इजरायल की नाकाबंदी और मानवीय सहायता पर लगाई गई रोक ही महिलाओं को ऐसी स्थितियों में धकेल रही है.

 

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